Vijaya Ekadashi 2023 : सभी प्रमुख व्रतों में से एक विजया एकादशी को लेकर लोगों के मन में कंफ्यूजन है. कुछ इसे 16 फरवरी बता रहे हैं तो कुछ 17 को उपवास रखने की बात कर रहे हैं. सही तारीख अभी तक किसी को साफ नहीं हो पाई है. यह व्रत वो लोग खासकर रखते हैं जिनका चंद्रमा कमजोर है. यह उपवास करने से मानसिक स्थिति सही रहती है. यही नहीं अगर आपके ग्रहों की चाल बिगड़ी हुई है तो उसमें भी सुधार होता है. ऐसे लाभकारी व्रत की सही तिथि और पूजा विधि (Vijaya Ekadashi puja vidhi) के बारे में चलिए हम आपको बताते हैं.
कब है विजया एकादशी
विजया एकादशी इस बार 16 और 17 फरवरी दोनों दिन मनाई जाएगी. दरअसल विजया एकादशी तिथि का प्रारंभ 16 फरवरी को सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर होगा जो अगले दिन 17 फरवरी को रात 02 बजकर 49 मिनट पर होगा. हालांकि उदया तिथि 16 फरवरी को पड़ रही है तो व्रत उसी दिन रखा जाएगा और पारण 17 फरवरी को सुबह 8 बजकर 01 मिनट से लेकर 9 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
विजया एकादशी की पूजन विधि
- इस दिन सुबह उठकर स्नान करें फिर साफ वस्त्र को धारण करें. इसके बाद सूर्य को जल देकर इस व्रत का संकल्प लीजिए. उपवास में आप सात्विक भोजन ही करें. आपको बता दें कि एकादशी के व्रत के दिन आप चावल का सेवन बिल्कुल ना करें.
- एकादशी के दिन आप गुस्सा बिल्कुल ना करें, ना ही किसी को अपशब्द बोलें. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें. साथ ही अपने स्वभाव को मधुर रखिए.
- एकादशी के दिन आप श्री हरि की स्थापना एक कलश पर करें. फिर श्रद्धापूर्वक हरि का पूजन करें. मस्तक पर सफेद चंदन लगाकर पूजा करना शुरू कर दीजिए. इसके बाद पंचामृत, फूल अर्पित कीजिए. इस दिन उपवास करना बहुत अच्छा माना जाता है.
- इस दिन अन्न वस्त्र दान करना चाहिए. आपको बता दें कि इस दिन शाम को आहार ग्रहण करने से पहले उपासना और आरती जरूर करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)