Mesh Sankranti 2023 : हिन्दू नववर्ष (Hindu calendar) की पहली संक्रांति 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य मीन राशि से निकल मेष में प्रवेश करेंगे. इसी खगोलीय घटना को मेष संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का खास महत्व होता है ज्योतिष शास्त्र (astro tips) में. सूर्य देव जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो उसमें एक महीने तक विराजमान रहते हैं. ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि इसका क्या असर पड़ता है जीवन पर.
मेष संक्रांति शुभ मुहूर्त - 14 अप्रैल शुक्रवार को सूर्य देव दोपहर 03 बजकर 12 मिनट पर मेष राशि में प्रवेश करेंगे.
संक्रांति का राशि पर प्रभाव
- मेष संक्रांति के दिन स्नान-दान, मंत्र साधना करने का विधान है. इस दिन दान पुण्य करने से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन जरूरतमंदों की मदद करने से देवी देवता और और पितर बहुत प्रसन्न होते हैं.
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं. संक्रांति के दिन तिल गुण का दान देने से पितर प्रसन्न होते हैं. आपको बता दें कि मेष संक्रांति से मांगलिक कार्य, मुंडन, गृह प्रवेश शुरू हो जाते हैं. खरमास समाप्त हो जाता है. इस संक्रांति को अलग अलग नामों से जाना जाता है.
- इस दिन सूर्य देव को सुबह उठकर अर्घ्य देना चाहिए, साथ में सूर्य मंत्र का जाप भी. ऐसा करके आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर लेंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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