Lifestyle during Chaturmas : हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है. इस दिन से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योगनिद्रा में ले जाते हैं. इस अवधि को चातुर्मास कहते हैं. आपको बता दें कि जगत के पालनहार श्रीहरि के योगनिद्रा के दौरान सृष्टि का संचालन भोलेनाथ करते हैं. इस साल चातुर्मास 6 जुलाई से शुरू हो गया है. ऐसे में आपको अगले 4 महीने क्या-क्या नहीं करना है, इसकी पूरी डिटेल आर्टिकल में बताने जा रहे हैं...
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चातुर्मास में क्या नहीं करें - What not to do in Chaturmas
- इस दौरान आपको कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए. इस समय दुकान खोलना, नया कारोबार शुरू करना शुभ नहीं माना जाता है. इससे आपको नए काम में लाभ नहीं मिलता है.
- चातुर्मास के दौरान भूमि पूजन, मुंडन संस्कार, तिलक समारोह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे संस्कार भी नहीं करने चाहिए.
- वहीं, चातुर्मास के दौरान तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. बल्कि सात्विक भोजन का पालन करना चाहिए.
- चातुर्मास के दौरान आपको दही,मूली और साग नहीं खाना चाहिए.
चातुर्मास में क्या करें - What to do in Chaturmas
- चातुर्मास में नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए. साथ ही, मान्यता है कि इस दौरान ब्रज की यात्रा करना बहुत शुभ होता है. इससे जीवन में सुख शांति आती है.
- चातुर्मास में जातक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और जमीन पर सोना चाहिए. ऐसा करने व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है.
- इन चार महीनों में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही, माता लक्ष्मी की भी विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इससे श्री हरि खुश होते हैं.
चातुर्मास कब समाप्त होगा 2025 - When will Chaturmas end in 2025
इस साल चातुर्मास 6 जुलाई से शुरू होकर 1 नवंबर तक रहेगा. 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन श्रीहरि योगनिद्रा से जागेंगे. इसी के साथ सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. आपको बता दें कि चातुर्मास के दौरान सिर्फ भगवान विष्णु ही नहीं बल्कि अन्य देवी-देवता भी विश्राम पर रहते हैं. इसलिए कोई भी नया काम करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है, जिससे काम सफल नहीं होता.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)