Shukra की महादशा होती है 20 साल की, यहां जानिए क्या हैं इसके नुकसान

Mahadasha ka prabhav : ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, विलासता, धन, वैभव, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और ऐश्वर्य दाता का कारक ग्रह माना जाता है. इसका प्रभाव 20 साल तक रहता है. 

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Venus effects : इस ग्रह के कमजोर हेने से  व्यक्ति को भौतिक सुखों का अभाव होता है.

Shukr mahadasha : ग्रहों की चाल में होने वाले फेरबदल मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं. ऐसे ही इनकी महादशा का भी प्रभाव पड़ता है दैनिक जीवन में. आज लेख में हम शुक्र की महादशा के बारे में बात करेंगे ताकि आप भी इसके नुकसान और फायदे के बारे में जान सकें. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, विलासता, धन, वैभव, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और ऐश्वर्य दाता का कारक ग्रह माना जाता है. शुक्र ग्रह की महादशा का प्रभाव सबसे अधिक 20 साल तक रहती है. 

शुक्र के महादशा का असर

  • आपको बता दें कि ज्योतिष के अनुसार शुक्र की महादशा उनके स्थान और स्थिति पर निर्भर करता है. यह ग्रह अगर व्यक्ति की जन्मकुंडली में नीच स्थान पर है तो इसका प्रभाव बुरा पड़ेगा. इसके नीच होने पर व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. 

  • वहीं, इस ग्रह के कमजोर हेने से व्यक्ति को भौतिक सुखों का अभाव होता है. इसकी कमजोर स्थिति में होने पर किडनी के रोग हो सकते हैं. इसके अलावा नेत्र संबंधी रोग भी हो सकते हैं.

शुक्र महादशा के मुक्ति के उपाय

  • शुक्र दोष से मुक्ति के लिए मंत्र “शुं शुक्राय नम: या शुं शुक्राय नम:” इससे मुक्ति पाने के लिए ब्राहमण को दूध, दही, घी, कपूर, सफेद फूल और सफेद मोती का दान करें.

  • हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करें व्रत रखें. उसके बाद खीर बनाकर छोटी कन्याओं को खिलाएं. रोज सुबह स्नान करके मां लक्ष्मी की पूजा पाठ करें. आटे की रोटी गाय को खिलाएं. यह सब करके इनके नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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