Pradosh vrat 2023 : नए साल के व्रत और त्योहारों की लिस्ट जारी कर दी गई है. ताकि लोग अपनी छुट्टियों को प्लान कर सकें. ऐसे में नए साल की शुरूआत में यानी 03 जनवरी को प्रदोष व्रत पड़ रहा है. जिसकी पूजा कैसे की जाए उसके बारे में बताएंगे. क्योंकि बहुत से लोगों को सही तरीका नहीं पता होता है पूजा-पाठ का जिसके कारण लाभ की जगह नुकसान होने लगता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर किस तरह से प्रदोष व्रत में पूजा करनी चाहिए जिससे भोलेनाथ (bholenath) की कृपा आप पर बनी रहे.
सोम प्रदोष व्रत पूजा सामग्री | Pradosh Vrat Pujan Samagri List
सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा के लिए गाय का दूध, मंदार पुष्प, पंच फल, कपूर, धूप, पंच मेवा, पंच रस, गन्ने का रस, बेलपत्र, इत्र, गंध रोली, पंच मिष्ठान्न, जौ की बालें, मौली जनेऊ, दही, देशी घी, शहद, दीप, गंगा जल, धतूरा, भांग, बेर, आदि आम्र मंजरी, रत्न, दक्षिणा, चंदन और माता पार्वती के श्रृंगार की पूरी सामग्री आदि होना आवश्यक है.
प्रदोष व्रत पूजा विधि | Pradosh Vrat Puja Vidhi
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक भगवान शिव की पूजा की जाती है. ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है. इस दिन तांबे या चांदी के लोटे से शुद्ध शहद एक धार के साथ शिवलिंग पर श्रद्धापूर्वक अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही शुद्ध जल से शिविलिंग का अभिषेक करना चाहिए. इस दौरान "ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः" इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है. इसके साथ ही भगवान को फूल, मिठाई और फल अर्पित करें. प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें. साथ ही शिव चालीसा का भी पाठ करें. इसके अलावा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शुभ होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)