22 को अयोध्या में होगी राम लला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा, जानिए क्यों जरूरी है ये अनुष्ठान और क्यों नहीं घर में रखनी चाहिए प्रस्तर प्रतिमा

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है और पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है. देश भर के लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर भरपूर उल्लास और उत्साह का वातावरण है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
धर्म के विद्वानों के अनुसार  घर में पत्थर की प्रतिमा नहीं रखना चाहिए

Pran Pratishtha Ayodhya: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) कार्यक्रम है और पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है. देश भर के लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर भरपूर उल्लास और उत्साह (Excitement) का वातावरण है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) समेत देश-विदेश में हजारों अतिथि शामिल होने वालें हैं. आइए जानते हैं क्या होती है प्राण प्रतिष्ठा और क्यों जरूरी है यह अनुष्ठान.अयोध्या में 22 जनवरी को है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, यहां सुनें अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया के जरिए रामायण की भक्तिमयी कहानी

प्राण प्रतिष्ठा

प्राण प्रतिष्ठा हिंदू धर्म का प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान है. जब भी कोई मंदिर बनता है और उसमें देवी- देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती है तो उनकी पूजा के पहले उनमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. प्राण का अर्थ हाेता है जीवन इसलिए प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ हुआ प्रतिमा में देवी देवताओं को आने का आह्वान करना.

प्राण प्रतिष्ठा से पहले

प्राण प्रतिष्ठा के पहले तक प्रतिमाओं का पूजा के योग्य नहीं माना जाता है. उस समय तक प्रतिमा निर्जीव रहती है. विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उसमें देवी देवताओं का वास माना जाता है.

Advertisement

प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया

प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रतिमा को सम्मानपूर्वक मंदिर लाया जाता है. जहां प्रतिमा की स्थापना होनी है वहां द्वार पर प्रतिमा का विशिष्ट स्वागत किया जाता है. प्रतिमा को सुगंधित चीजों का लेप लगाकर दूध से नहलाया जाता है. इसके बाद प्रतिमा को मंदिर के गर्भ गृह में रखा जाता है और प्राण प्रतिष्ठा की विशेष पूजन प्रक्रिया शुरू की जाती है. प्रतिमा का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही रखा जाता है. इसके बाद देवता को आमंत्रित करने के लिए मंत्रपाठ किया जाता है. सबसे पहले प्रतिमा के आंखों से परदा हटाया जाता है. ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद फिर मंदिर में उस देवता की मूर्ति की पूजा अर्चना होती है.

Advertisement

घर में पत्थर की प्रतिमा

धर्म के विद्वानों के अनुसार घर में पत्थर की प्रतिमा नहीं रखना चाहिए क्योंकि इन प्रतिमाओं को रखने पर रोज उसकी उचित प्रकार की पूजा और अनुष्ठान करना जरूरी होता है. विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापित देव प्रतिमाओं की उचित पूजा पाठ नहीं किए जाने पर ये आसपास रहने वालों को भारी हानि हो सकती है.

Advertisement

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi, Dr.BR Ambedkar और Sanatan पर क्या कुछ बोले BJP नेता Giriraj Singh?
Topics mentioned in this article