Vishwakarma Puja 2024: विश्वकर्मा पूजा की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. विश्वकर्मा पूजा को विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) और विश्वकर्म दिवस जैसे नामों से भी जाना जाता है. माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ही ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार हैं और सृजन और वास्तुकला के देवता हैं. विश्वकर्मा दिवस भगवान विश्वकर्मा को समर्पित होता है. माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए भक्त इस दिन मशीनो, औजारों, कलपुर्जों, दुकान और अपने वाहन की पूजा करते हैं. इस दिन अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति और समृद्धि के लिए भी भगवान विश्वकर्मा की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस साल विश्वकर्मा पूजा की सही तिथि को लेकर उलझन की स्थिति बन रही है. कुछ भक्तों का कहना है कि विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर के दिन की जाएगी तो कुछ मानते हैं कि 17 सितंबर के दिन विश्वकर्मा पूजा है. ऐसे में यहां जानिए विश्वकर्मा पूजा की सही तिथि क्या है.
कब की जाएगी विश्वकर्मा पूजा | Vishwakarma Puja Date
पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा के लिए कन्या संक्रांति महत्वपूर्ण होती है जोकि 16 सितंबर के दिन है. कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) के दिन सूर्य देव शाम के समय 7 बजकर 3 पर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे. सूर्य देव के राशि परिवर्तन को ही कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाता है. परंतु, विश्वकर्मा पूजा उदया तिथि के अनुसार की जाती है और उदया तिथि के अनुसार विश्वकर्मा पूजा का दिन 17 सितंबर, मंगलवार पड़ रहा है. ऐसे में इस साल 17 सितंबर के दिन ही विश्वकर्मा पूजा की जाएगी. विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) 17 सितंबर सुबह 6 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 11 बजकर 44 मिनट तक रहने वाला है. इस शुभ मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की पूजा संपन्न की जा सकती है.
भगवान विश्वकर्मा की विधिवत पूजा की जाती है. विश्वकर्मा पूजा के दिन कार्यस्थल या वाहन आदि की साफ-सफाई करने के बाद साज-सज्जा की जाती है. इसके बाद उपकरणों को फूलों से सजाया जाता है. उपकरणों की पूजा करने के लिए कुमकुम का तिलक किया जाता है, दीपक किया जाता है और आरती करके पूजा की जाती है. भगवान विश्वकर्मा को मिठाई का भोग लगाया जाता है और सभी में प्रसाद बांटकर पूजा संपन्न की जाती है.
विश्वकर्मा पूजा के दिन कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है. इस दिन किसी तरह के तामसिक भोजन का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता है. साथ ही, किसी को दुख पहुंचाने, ठेस पहुंचाने और बुरा-भला कहने से परहेज करना चाहिए. इस दिन किसी तरह का कलेश नहीं करना चाहिए और वैदिक मंत्रों का जाप करना इस दिन बेहद शुभ माना जाता है. विश्वकर्मा पूजा करने के बाद भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद मांगा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
Sholay के Gabbar ने इस Film में इतना हंसाया कि जीत लिया Filmfare Award | NDTV India