Vat Savitri Vrat Rules: सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं को सावित्री की तरह अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है. इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा का प्रण करती हैं. हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा और अमावस्या पर वट सावित्री व्रत रखा जाता है. देश के कुछ राज्यों में यह व्रत ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को तो कुछ राज्यों में अमावस्या को व्रत रखने की परंपरा है. ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा का व्रत इस बार 10 जून को (Kab Hi Vat Savitri Vart 2025) रखा जाने वाला है. वट सावित्री व्रत के कुछ नियम हैं और इन नियमों (Kya Hi Vat Savitri Vart Ke Niyam) का पालन करने से ही व्रत का पूरा लाभ प्राप्त होता है. आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत के नियम और व्रत करने वालों को कब पीना चाहिए पानी (Vat Savitri Vart Me Kab Pina Chahiye Pani).
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10 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा का वट सावित्री व्रत (Date of Vat Savitri Vrat)इस बार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि की 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और 11 जून को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी. धार्मिक विद्वानों के अनुसार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 10 जून को रहेगी और इसी दिन वट सावित्री का व्रत रखना उचित होगा.
- वट सावित्री व्रत में नियमों का पालन करना जरूरी है. खासकर खाने पीने से जुड़े नियमों के पालन से ही व्रत का पूरा लाभ प्राप्त होगा.
- वट सावित्री व्रत में महिलाएं फलाहार करके भी व्रत का पालन करती हैं.
- वट सावित्री व्रत में गुड़ और सिंघाड़े के आटे से बनी चीजें खाई जा सकती हैं.
- वट सावित्री व्रत में चना, पूरी, पूए , मीठी पूरियां और मुरब्बा भी खाया जा सकता है.
- वट सावित्री व्रत में मौसम में मिलने वाले फल जैसे आम, लीची, तजबूज, खरबूज का सेवन भी किया जा सकता है.
- इस व्रत में नारियल पानी भी पी सकते हैं.
- वट सावित्री व्रत के दिन व्रत करने वाले के परिजनों को भी मांस-मदिरा के सेवन से दूरी बनानी चाहिए.
- वट सावित्री व्रत के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और लहसुन प्याज से दूर रहना चाहिए. ऐसा नहीं करने से व्रत का फल नहीं मिलता है.
- वट सावित्री व्रत में चावल, दाल और प्याज-लहसुन से बनी चीजों को अपने भोजन में शामिल नहीं करना चाहिए.
- वट सावित्री व्रत के दौरान सामान्य नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इससे व्रत खंडित हो सकता है.
- वट सावित्री व्रत में गेहूं, चावल और दाल से तैयार भोतन नहीं करना चाहिए. उपवास के दौरान किसी भी तरह का मसालेदार भोजन न करें.
वट सावित्री का व्रत निर्जला रखा जाता है. हालांकि सेहत संबंधी परेशानियों के मामले में पानी पिया जा सकता है. सामान्य रूप से व्रत के पारण के बाद ही व्रत करने वाली महिलाओं को जल ग्रहण करना चाहिए. प्रस्तुति: रोहित कुमार
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)