Vat savitri puja niyam by jyotish : हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व होता है. इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करती हैं. इस दिन विवाहित महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं. यह व्रत करने से न सिर्फ पति की लंबी आयु होती है, बल्कि अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों का भी समाधान मिलता है. इस व्रत का पूर्ण लाभ तभी मिलता है जब आप सही नियम से पूजा अर्चना करती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविन्द मिश्रा से 26 मई को रखे जाने वाले वट सावित्री व्रत का पूजा नियम क्या है...
वट सावित्री पूजा का नियम - What are the rules of Vat Savitri Puja?
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें स्नान करें और पूजा घर की सफाई करिए.
- फिर आप वट वृक्ष की फोटो अथवा नवीन कोपलों वाली वट वृक्ष की टहनी लेकर पूजा चौकी पर रखें.
- आपको बता दें कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का वास माना गया है.
- पूर्व या उत्तर मुख होकर पूजा करें.
- वट वृक्ष के नीचे 11 देशी घी के दीपक जलाएं या अपनी पूजा चौकी के पास भी जला सकते हैं.
- व्रत नहीं कर सकती हैं, तो परिवार की अन्य महिलाओं के साथ स्नान आदि करके पूजा में शामिल हों.
- इस पूजा में आप वट सावित्री की कथा सुनें.
- यह व्रत एक दिन पहले शाम में फल अथवा कुट्टू से बने पकवान खाकर रखें.
- गर्भवती महिलाएं परिवार की बुजुर्ग महिलाओं की देख-रेख में यह व्रत करें.
वट सावित्री व्रत 2025 - Vat Savitri Vrat 2025 Kab Hai?
वट सावित्री 2025 में 26 मई को रखा जायेगा. 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से अमावस्या तिथि शुरू होगी, जो अगले दिन 27 मई को प्रातः 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार यह व्रत 26 मई को रखा जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)