Vat Purnima Vrat 2022: रखती हैं वट पूर्णिमा का व्रत तो भूल से भी हुई ये गलती पड़ सकती है भारी, जानिए नियम

Vat Purnima Vrat 2022: वट पूर्णिमा का व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को रखा जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. इस बार वट पूर्णिमा 14 जून को पड़ रहा है.

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Vat Purnima Vrat 2022: वट पूर्णिमा का व्रत 14 जून को रखा जाएगा.

Vat Purnima Vrat 2022: वट पूर्णिमा का व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना से करती हैं. इसलिए वट पूर्णिमा व्रत का खास महत्व है. वट पूर्णिमा (Vat Purnima Vrat) का व्रत ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) को रखा जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन महिलाएं व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करती हैं. पंचांग के मुताबिक वट पूर्णिमा का व्रत इस बार 14, मंगलवार को जून को पड़ रहा है.  मान्यता है कि वट पूर्णिमा के व्रत में कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है. आइए जानते हैं वट पूर्णिमा व्रत की तिथि शुभ मुहूर्त और नियम के बारे में.


वट पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त | Vat Purnima 2022 Date and Shubh Muhurat


धार्मिक मान्यता के मुताबिक वट पूर्णिमा का व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को रखा जाता है. इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 14 जून को पड़ रहा है. पंचांग के मुताबिक पूर्णिमा तिथि 13 जून, सोमवार को रात 9 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है. जबकि पूर्णिमा तिथि का समापन 14 जून, मंगलवार को शाम 5 बजकर 21 मिनट पर होगा. उदया तिथि में व्रत रखने का विधान है. ऐसे में वट पूर्णिमा का व्रत 14 जून को रखा जाएगा. 


वट पूर्णिमा व्रत के नियम | Vat Purnima Vrat Rules

वट पूर्णिमा व्रत के नियम के मुताबिक इस दिन महिलाओं को काले, सफेद या नीले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. दरअसल इसे वट पूर्णिमा नियम के विरुद्ध माना जाता है. ऐसे में हर व्रती को इस बात का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी जाती है. 

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वट पूर्णिमा व्रत को दौरान सुहागिन महिलाओं को काली, नीली और सफेद रंग की लहठी या चूड़ियां भी नहीं पहननी चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. 

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मान्यतानुसार जो महिलाएं पहली बार वट पूर्णिमा का व्रत रख रही हैं, उन्हें व्रत और पूजन के दौरान सुहाग की सामग्री मायके की इस्तेमाल करनी चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा में मायके की सुहाग सामग्री का इस्तेमाल करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

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वट पूर्णिमा व्रत का महत्व | Importance of Vat Purnima Vrat 2022

वट यानि बरगद यह एक विशाल पेड़ होता है, जिसमें जटाएं लटकती रहती हैं. जिसे सावित्री देवी का रूप माना जाता है. हिन्दू धर्म में बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है. इस वृक्ष की जड़ में ब्रह्म रहते हैं, बीच में विष्णु और ऊपर के हिस्से में भगवान शिव का वास होता है. इसलिए इस वृक्ष के नीचे बैठकर इसकी पूजा करने से सारी व्रती मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही सौभग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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