Aaj Ka Panchang: वरुथिनी एकादशी व्रत आज, जानें पूजा विधि और आज का पंचांग

Aaj Ka Panchang: पंचांग के अनुसार आज वैशाख कृष्ण पक्ष (Vaishakh Krishna Paksha) की एकादशी यानी वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) है. सूर्योदय 5 बजकर 45 मिनट पर है.

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आज वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी वरुथिनी एकादशी है.

Aaj Ka Panchang: पंचांग (Today Panchang) के मुताबिक आज यानी 26 अप्रैल को वैशाख कृष्ण पक्ष (Vaishakh Krishna Paksha) की एकादशी (Ekadashi) तिथि है. इसे वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) भी कहते हैं. सूर्योदय 5 बजकर 45 मिनट पर है. सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 53 मिनट है. शतभिषा नक्षत्र शाम 4 बजकर 56 मिनट तक है. इसके बाद पूर्व भाद्रपद नक्षत्र लग जाएगा. राहु काल दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) और वरूथिनी एकादशी पूजा की विधि (Varuthiti Ekadashi Puja Vidhi). 

26 अप्रैल 2022 का पंचांग, शुभ मुहूर्त  (26 April Panchang Shubh Muhurat) 

ब्रह्म मुहूर्त-  सुबह 04:18 से 05:02 बजे तक

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:53 से 12:45 बजे तक 

गोधूलि मुहूर्त-शाम 06:40 से 07:04 बजे तक

अमृत काल- 9:49 ए एम से 11:24 ए एम तक

अशुभ समय (Ashubh Muhurat)

राहु काल- दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शाम 05  बजकर 15 मिनट तक 

यमगण्ड- सुबह 09 बजकर 02 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक 

यमगण्ड- सुबह 9 बजकर 02 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक

दुर्मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 23 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक 

गुलिक काल- दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक

पंचक- पूरे दिन

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang)

आज का योग- ब्रह्म

आज का वार- मंगलवार

आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष

आज की तिथि- एकादशी (वरुथिनी एकादशी) 

सूर्योदय- 5 बजकर 45 मिनट पर 

दिशा शूल- उत्तर

चंद्र वास- पश्चिम

राहु वास- पश्चिम

नक्षत्र शूल- दक्षिण (शाम 5 बजकर 56 मिनट से पूरी रात)

ऋतु- ग्रीष्म

वरुथिनी एकादशी पूजा विधि (Varuthini Ekadashi Puja Vidhi)

पंचांग के मुताबिक आज वरुथिनी एकादशी का व्रत (Varuthini Ekadashi Vrat) रखा जाएगा. एकादशी व्रत की पूजा (Ekadashi Vrat Puja) के लिए स्नान से निवृत होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा स्थान को स्वच्छ करके भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं. अगर आप व्रत रखते हैं तो मन ही मन व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु का ध्यान करें. इसके बाद भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें. माना जाता है कि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भगवान के भोग में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल जरूर करें. ध्यान रखें कि भगवान को सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. इसके बाद व्रत कथा और आरती करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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