Varuthini ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. साल में 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं. इनमें वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है. ये दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, साथ ही एकादशी पर नारायण को प्रिय तुलसी की पूजा का भी विधान है. माना जाता है कि एकादशी के दिन सच्ची निष्ठा के साथ भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं. आइए जानते हैं वरुथिनी एकादशी 2025 का व्रत कब रखा जाएगा, साथ ही जानेंगे इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा कैसे करें.
कब है वरुथिनी एकादशी 2025? (Varuthini Ekadashi 2025 Date)
पंचाग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 23 अप्रैल 2025 को शाम 04 बजकर 43 मिनट पर होगा. इसका समापन 24 अप्रैल 2025 की दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर होगा, ऐसे में वरुथिनी एकादशी 2025 का व्रत गुरुवार 24 अप्रैल को रखा जाएगा.
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:19 से 05:03 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11:53 बजे से 12:46 बजे तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 बजे से 03:23 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:51 बजे से 07:13 बजे तक
- प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- घर में मंदिर की सफाई करके भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
- नारायण को पीले फूल, तुलसी दल, चंदन, धूप और दीप अर्पित करें.
- इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर व्रत कथा पढ़ें और भगवान की आरती गाएं.
- शाम के समय विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और आरती करें.
- एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा करते समय कई बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.
- सबसे पहले इस दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी पर तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. ऐसे में उन्हें जल अर्पित नहीं करें.
- इससे अलग सबसे पहले तुलसी के सामने दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें.
- इसके बाद तुलसी को पुष्प, सिंदूर और अक्षत चढ़ाएं.
- 'महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।' मंत्र का जाप करें और आखिर में तुलसी की आरती गाएं.
वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी शुक्रवार 25 अप्रैल 2025 की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)