Utpanna Ekadashi 2023: किस दिन रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी का व्रत, जानिए पूजा की विधि

Utpanna Ekadashi Date: एकादशी तिथि का विशेष धार्मिक महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन पूजा करने पर कष्टों से मुक्ति मिलती है.

Advertisement
Read Time: 15 mins
When Is Utpanna Ekadashi: एकादशी पर मान्यतानुसार किया जाता है श्री हरि का पूजन. 

Utpanna Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व होता है. इस दिन पूजा करने पर भगवान विष्णु की कृपा मिलती है. पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी पर मान्यतानुसार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है. कहतें हैं ऐसा करने पर जीवन से पाप ही नहीं दूर होते बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि का निवास भी होता है. वहीं, एकादशी का व्रत रखने पर माना जाता है कि भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर इन कामों को करने पर श्री हरि हो सकते हैं प्रसन्न, भक्तों पर बरसातें हैं कृपा

कब है उत्पन्ना एकादशी | Utpanna Ekadashi Date 

इस साल पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की एकादशी तिथि 8 दिसंबर, शुक्रवार सुबह 5 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगी और 9 दिसंबर, शनिवार सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए उत्पन्ना एकादशी का व्रत 8 दिसंबर के दिन ही रखा जाएगा. इसी बीच पूजा की जाती है. 

Advertisement

ऐसे घर में पैर नहीं रखतीं मां लक्ष्मी, जानिए किस तरह के लोग धन की देवी को हैं नापसंद

कैसे करें एकादशी की पूजा 

एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान विष्णु का स्मरण करते हैं. इसके पश्चात भक्त उत्पन्ना एकादशी के व्रत (Utpanna Ekadashi Vrat) का संकल्प लेते हैं. पूजा में भगवान विष्णु के समक्ष फल, फूल, तुलसी, दूध, दही, शहद, घी और चीनी आदि अर्पित किए जाते हैं. तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है इसीलिए एकादशी की पूजा और प्रसाद में तुलसी का उपयोग बेहद शुभ मानते हैं. धूप और दीप जलाए जाते हैं. एकादशी की असल पूजा (Ekadashi Puja) शाम के समय होती है. भगवान विष्णु की आरती की जाती है, विष्णु सहस्त्रनाम और श्री हरि स्तोत्रम का पाठ होता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मांगा जाता है. एकादशी व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि पर किया जाता है. 

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

बैनर पेंटर को कैसे मिली अमिताभ बच्चन की आवाज से पहचान | Bollywood Gold

Featured Video Of The Day
Hathras Stampede: Hathras में सत्संग में मची भगदड़, 100 से ज़्यादा लोगों की मौत | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article