Tulsi Upay: तुलसी के पौधे को तुलसी माता कहा जाता है और धार्मिक मान्यतानुसार तुलसी की पूजा बेहद शुभ और फलदायी मानी जाती है. कहते हैं तुलसी पूजा (Tulsi Puja) करने पर घर में सुख-शांति तो आती ही है, साथ ही मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि का आगमन होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी मां लक्ष्मी का ही एक रूप हैं. तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय भी माना जाता है. ऐसे में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है. यहां जानिए किस तरह तुलसी पूजा करके मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) को प्रसन्न करके उनकी कृपा पाई जा सकती है.
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पूजा | Tulsi Puja To Impress Ma Lakshmi
तुलसी के पौधे पर विधि पूर्वक जल चढ़ाने के लिए कहा जाता है. नियमित रूप से तुलसी पर जल चढ़ाने पर पौधा हरा-भरा रहता है तुलसी माता की कृपा भी मिलती है. तुलसी पर जल चढ़ाने का सही समय सूर्योदय से पहले का माना जाता है. कहते हैं तुलसी के पौधे पर सूर्यास्त के बाद जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
तुलसी पर जल चढ़ाने को लेकर इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि एकादशी के दिन तुलसी पर जल नहीं चढ़ाते हैं. इसके पीछे मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी माता भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के लिए व्रत रखती हैं. इसके अलावा रविवार के दिन भी तुलसी पर जल अर्पित करने के लिए परहेज के लिए कहा जाता है.
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी के पौधे के समीप दीया रखा जा सकता है. कहते हैं इससे घर में मां लक्ष्मी का वास होता है.
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता .
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता..
मैय्या जय तुलसी माता..
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर.
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता.
मैय्या जय तुलसी माता..
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या.
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता.
मैय्या जय तुलसी माता..
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित.
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता.
मैय्या जय तुलसी माता..
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में.
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता.
मैय्या जय तुलसी माता..
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी.
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता.
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता.
मैय्या जय तुलसी माता..
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता.
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)