Tulsi Puja: कार्तिक महीने में इस तरह करें तुलसी की पूजा, जानें 5 जरूरी नियम

Tulsi Puja Vidhi:कार्तिक मास में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है. मान्याता है कि कार्तिक मास में तुलसी की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.

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Tulsi Puja Vidhi:हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा का खास महत्व है.

Kartik Month Tulsi Puja Niyam: वैसे तो हर दिन तुलसी में जल देना शुभ माना गया है, लेकिन कार्तिक मास में तुलसी की पूजा (Tulsi Puja in Kartik) का खास महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस्या को तुलसी माता का जन्म हुआ था. इसलि इस पूरे महीने में तुलसी की पूजा का विशेष विधान है. हिंदू धर्म शास्त्रों में तुलसी को मां लक्ष्मी का ही एक अन्य स्वरूप माना गया है. यही कारण है कि कार्तिक मास में पड़ने वाले पर्वों में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कार्तिक मास में तुलसी पूजा के लिए 5 जरूरी नियम. 

कार्तिक मास कब से शुरू होगा | Kartik Month 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास 10 अक्टूबर 2022 से शुरू हो रहा है जो 8 नवंबर को खत्म होगा. कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर को दोपहर 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी.  

कार्तिक मास का महत्व |  Kartik Month Importance

हिंदू धर्म की परंपरा के अनुसार कार्तिक मास में माता तुलसी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसके अलावा इस पवित्र महीने में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. कार्तिक मास के देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार महीने के बाद योग निद्रा से जगते हैं. कार्तिक मास में गंगा स्नान से बेहद पुण्य मिलता है.  इस माह मंदिर या घर में यज्ञ और हवन कराने से भी बहुत लाभ मिलता है.

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कार्तिक मास में तुलसी पूजा के 5 नियम |  Tulsi Puja in Kartik 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में रोजाना सूर्यास्त के बाद तुलसी के नीचे दीया जलाने का खास महत्व है. माना जाता है कि कार्तिक मास में नियमित रूप से ऐसा करने पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही घर में सुख और शांति का माहौल बना रहता है. 

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पंडितों के मुताबिक कार्तिक माह में तुलसी जी को नए वस्‍त्र और सुहाग की सामग्रियां अर्पित करनी चाहिए. मान्यतानुसार, तुलसी जी को हमेशा हरी चूड़ियां और हरी चुनरी ही अर्पित करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी जी बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करती हैं. 

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तुलसी में तुलसी में सिंदूर और कुमकुम अर्पित करने के साथ-साथ हल्दी भी अर्पित करनी चाहिए. माना जाता है कि पीला रंग भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होता है. ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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कार्तिक मास में तुलसी की परिक्रमा बेहद खास महत्व है. कहा जाता है कि इस महीने में रोजाना तुलसी में जल अर्पित करने के बाद उसकी परिक्रमा करनी चाहिए. कार्तिक मास में रोजना कम से कम 3 बार तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. 

कार्तिक मास में रोजाना जल में काले तिल मिलाकर अर्पित करें. पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें उसके बाद तुलसी में जल डालें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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