शिव भक्त इन फूलों से करेंगे भोले शंकर की पूजा तो खुश होंगे प्रभु, जीवन में बनी रहेगी खुशहाली

Lord Shiva : इस लेख में भगवान शिव से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, अन्यथा बाबा भोले शंकर की पूजा संपूर्ण नहीं मानी जाती है.

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Shiv Katha में कभी भी शंख नहीं बजाया जाता है.

Shiv Pujan Vidhi : शिव पूजा का शुभ दिन सोमवार माना जाता है. इस दिन भोले शंकर के भक्त उनकी श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करते हैं. आपको बता दें कि शिव को अनंत माना गया है, वह आकाश, जल और अग्नि हर तत्व में विद्यमान हैं, इसलिए इनकी पूजा अर्चना बहुत विधि विधान से की जाती है, ताकि वह किसी भी प्रकार से नाराज न हों. भगवान शिव की बात हो रही है तो यहां आपको उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी (important things in Shiv Puja) दे रहे हैं जिसके, बारे में आपको पता होना चाहिए. असल में शिव की पूजा (Shiv Puja) के दौरान कुछ बातों का ध्यान न रखने से पूजा पूर्ण नहीं होती है. 


भगवान शिव की पूजा में इन बातों का रखें ध्यान | Keep these things in mind in Shiv Puja 

- आपको बता दें कि हर शुभ कार्य में हल्दी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन शिव की पूजा में हल्दी का इस्तेमाल वर्जित है. ऐसी मान्यता है कि हल्दी सौंदर्य प्रसाधन है और शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है इस वजह से इनकी पूजा में हल्दी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.


- भगवान शिव को कनेर और कमल का फूल चढ़ाया जाता है. केतकी और केवड़े का फूल भोले शंकर कभी अर्पित न करें. वहीं भगवान शिव को कुमकुम और रोली भी नहीं लगाई जाती है.

- शिव कथा में कभी भी शंख नहीं बजाया जाता है. इसके पीछे का कारण है कि भोले शंकर ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए, इनकी कथा में शंख वर्जित है.


 - वहीं, नारियल पानी से कभी भी भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए. इसके अलावा तुलसी का पत्ता भी भोले शंकर को नहीं चढ़ाया जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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