Surya Puja Vidhi: हिंदू धर्म में सूर्य देव (Surya Dev) को प्रत्यक्ष देवता माना गया है. सदियों से भगवान सूर्य (Lord Surya) की पूजा होती चली आ रही है. मान्यता है कि सूर्य की उपासना (Surya Upasana) से रोगों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में सूर्य (Surya) को आत्मा का कारक ग्रह माना गया है. माना जाता है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालती है. ऐसे में जानते हैं कि सूर्य की उपासना (Surya Puja Vidhi) किस प्रकार की जाती है और इससे जुड़े खास नियम क्या-क्या हैं.
रविवार (Sunday) का दिन सूर्यदेव (Surya Dev) को समर्पित माना गया है. मान्यता है कि इस दिन उनकी उपासना करने पर विशेष कृपा प्राप्त होती है. कहा जाता है कि रविवार के दिन भक्तिपूर्वक की गई पूजा से प्रसन्न होकर सूर्य देव (Surya Dev) आरोग्यता का वरदान देते हैं.
हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक भगवान सूर्य Lord Surya) प्रत्यक्ष देवता हैं. जिस कारण इनकी पूजा-उपासना शीघ्र फलदायी मानी जाती है. भगवान सूर्य की उपासना के लिए सुबह सूर्योदय (Sunrise) से पहले उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद सूर्य देव (Surya Dev) को जल अर्पित करना चाहिए. सूर्य देव (Surya dev) को जल अर्पित करने के बाद लाल आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके 'ॐ घृणि सूर्याय नम:' इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए. सूर्य देव (Surya Dev) को अर्पित किए जाने वाले जल में लाल फूल, अक्षत और रोली मिलाना अच्छा माना गया है.
एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ घृणि सूर्याय नमः
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.