हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा मंदिर, भूकंप भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा, जानिए राम मंदिर की खूबियां

Pran pratishtha ceremony : प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद अगले दिन से भक्त प्रभु राम के दर्शन कर सकेंगे. राम मंदिर में 'राम लला' के आगमन पर पूरी अयोध्या को बेहद खास तरीके से सजाया गया है. नागर शैली में बने यह मंदिर तीन मंजिल का होगा.

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Ayodhya Ram Mandir : आइए जानते हैं राम मंदिर की खूबियां.

Speciality Of Ram Mandir: 22 जनवरी को श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के साथ भक्तों का वर्षों का इंतजार खत्मे हो जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद अगले दिन से भक्त प्रभु राम के दर्शन कर सकेंगे. राम मंदिर (Ram Mandir) में 'राम लला' के आगमन पर पूरी अयोध्या (Ayodhya) को बेहद खास तरीके से सजाया गया है. नागर शैली में बने यह मंदिर तीन मंजिल का होगा. कुल 57 एकड़ के मंदिर परिसर में मंदिर का निर्माण 10 एकड़ में किया गया है. मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और  161 फीट ऊंचा है. मंदिर में 5 मंडप, 318 खंभे हैं. हर खंभा 14.6 फीट का है. करीब 55 प्रतिशत तैयार हो चुके मंदिर का काम वर्ष 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीाद है. आइए जानते हैं राम मंदिर की खूबियां (Specialities of Ram Mandir )

भूकंप कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा
मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि रिक्टीर स्के ल पर 6.5 की तीव्रता का भूकंप से भी मंदिर को नुकसान नहीं होगा. कभी सरयु मंदिर क्षेत्र के पास से गुजरती थी जिसके कारण वहां की भूमि बलुआ है जो बड़ी इमारत के लिए ठीक नहीं थह इसके लिए मंदिर बनाने के पहले यहां काफी नीचे तक खुदाई कर कंक्रीट की लेयर तैयार की गई है. मंदिर की नींव में सावधानीपूर्वक 47 परतें बिछाई गई हैं. नींव के लिए इस्तेैमाल किया गया मैटेरियल 28 दिनों में पत्थ र में बदल जाती है.

सोने की परत चढ़े दरवाजे
मंदिर में 46 दरवाजे लगेंगे. इनमें से 42 दावाजों पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी. महाराष्ट्र की सागौन की लकड़ी से बने दरवाजों पर  हैदराबाद के कारीगरों ने नक्काशी का काम किया है.

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गुलाबी बलुआ पत्थसर
 मंदिर के निर्माण में 17 हजार ग्रेनाइट पत्थजरों के साथ राजस्थाेन के मिर्जापुर और बंसी-पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थइर और नक्कारशीदार संगमरमर का इस्तेेमाल किया गया है.

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12 फीट चौड़ा परिक्रमा पथ
मंदिर के कॉरिडोर का परिक्रमा पथ 12 फीट चौड़ा है. मंदिर के दीवारे सनातन धर्म से जुड़ी जानकारियों और चित्रों से सजी होंगी. मंदिर के हर स्तंदभ पर धर्म के अनुसार चित्रों को उकेरा जाएगा.

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राम नवमी पर सूर्यदेव करेंगे अभिषेक
 मंदिर का गर्भगृह इस तरह तैयार किया गया है कि राम नवमी के दिन भगवान राम का अभिषेक सूर्य की किरणों से होगा. दोपहर के समय सूर्य दक्षिण दिशा में रहने पर मिरर और लेंस की मदद से सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्टू करवाकर भगवान के ललाट तक ले जाने की योजना है. आईआईटी रुड़की में अभी इस पर काम चल रहा है.

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