Shani Dev benefits: शनि देव न्याय के देवता माने जाते हैं. इसी के अनुसार भक्तों को फल देते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि को संतुलन और न्याय का ग्रह माना जाता है. सीमा ग्रह होने के चलते शनि देव का प्रभाव वहां से शुरू होता है, जहां सूर्य का प्रभाव खत्म होता है. वैसे तो ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों की दृष्टि काफी महत्वपूर्ण होती है लेकिन शनि देव की तीन दृष्टियां काफी अहम मानी जाती है. इनमें 3,7,10 दृष्टि शामिल हैं. ये जितनी कष्टकारी होती हैं, उतनी ही मंगलकारी भी.
शनि देव की दृष्टि के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सभी ग्रहों के पास एक दृष्टि होती है, जिसे 7वीं दृष्टि कहा जाता है. लेकिन मंगल, बृहस्पति और शनि ऐसे ग्रह हैं, जिनके पास अन्य दृष्टियां भी हैं. सातवीं के साथ ही तीसरी और दसवीं दृष्टि भी शनि के पास है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, शनि की ये दृष्टि जिस ग्रह, भाव या व्यक्ति पर पड़ती है उसे कई तरह की परेशानियों और कष्टों का सामना करना पड़ता है. लेकिन कुछ स्थिति ऐसी भी होती हैं जब शनि देव की दृष्टि लाभ दिलाती हैं.एक बार ये किसी व्यक्ति पर पड़ जाए तो लाभ ही लाभ होता है.
- शनि की दृष्टि अपनी राशि या उच्च राशि में हो तो लाभ ही लाभ कराती हैं.
- जब शनि की दृष्टि मेष, कर्क या सिंह राशि में होती है, तब यह लाभकारी होती है.
- शनि ग्रह पर जब बृहस्पति की दृष्टि हो तो यह लाभकारी मानी जाती है.
- जब शनि कुंभ में होता है, तब हर तरह से लाभ कराता है.
अच्छे कर्म करने पर शनिदेव हमेशा ही मेहरबान होते हैं. उनकी कृपा उनके भक्तों पर बरसती रहती हैं.जिस भी व्यक्ति पर शनि की दृष्टि पड़ती है, वह जीवन में सफलता ही सफलता प्राप्त करता है. हर शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने पर इनकी कृपा मिलती है. शनि की कृपा पाने के लिए कमजोर, जरूरतमंद और बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए. फलदार वृक्ष लगाने और अनुशासित रहने वालों के जीवन में शनिदेव की कृपा हमेशा बनी रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)