Sawan kab se shuru ho raha hai : सावन का महीना भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. इस दौरान अगर आप सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं, तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. साथ ही घर-परिवार और जीवन में शांति बनी रहेगी. श्रावण के महीने में शिवलिंग को जल अर्पित करने का विशेष महत्व होता है. इससे महादेव प्रसन्न होते हैं. लेकिन इसके लिए आपको जल चढ़ाने का सही नियम पता होना जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं श्रावण मास में कैसे शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.
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कैसे चढ़ाना चाहिए शिवलिंग पर जल - How to offer water on Shivling
खड़े होकर न करें जल अर्पितशिवलिंग पर जल हमेशा बैठकर चढ़ाएं. शांत मन से जल बैठकर धीरे-धीरे अर्पित करें. खड़े होकर कभी भी जल नहीं चढ़ाना चाहिए. वहीं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा उत्तर दिशा की तरफ मुख करना चाहिए.
जल चढ़ाते समय कभी भी आपका चेहरा पश्चिम या फिर दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए, इस बात का खास ख्याल रखें. शिव जी का अभिषेक तांबे के लोटे से करना चाहिए. या फिर चांदी के पात्र से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है. लेकिन स्टील के पात्र से कभी न करें.
इसके अलावा तांबे के बर्तन से दूध का अभिषेक करना अशुभ माना जाता है. शिवलिंग की पूजा करते समय पहले आप तांबे के लोटे में जल लेकर जलहरी के दाईं ओर चढ़ाएं. इसेभगवान गणेश का स्थान माना जाता है. फिर बाईं ओर क्योंकि ये कार्तिकेय का स्थान होता है. फिर आप बीच में जल चढ़ाएं. क्योंकि ये शिव पुत्री सुंदरी का स्थान माना जाता है. इसके बाद जलहरी के गोलाकार हिस्से में जल चढ़ाएं, यह माता पार्वती का स्थान माना जाता है. अंत में पूरा जल धीरे-धीरे चढ़ाएं.
इस साल श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 9 अगस्त तक रहेगा. पहला सावन 14 जुलाई को रखा जाएगा. इस बार सावन के 4 सोमवार को व्रत रखा जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)