Saturn: शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. कहते हैं शनि देव लोगों को उनके कर्मों का फल देते हैं. वे अच्छे लोगों के साथ अच्छा करते हैं और बुरे लोगों के साथ बुरा. शनि देव (Shani Dev) सूर्य देव के पुत्र और यमराज के भाई हैं. मान्यतानुसार शनि की महादशा, शनि की साढ़ेसाती, शनि ढैय्या और शनि वक्री से लोग अत्यधिक प्रभावित होते हैं. शनि वक्री का अर्थ होता है शनि की उल्टी चाल. शनि देव बीती 17 जून से कुंभ राशि में वक्री कर रहे हैं. यह वक्री इस साल 4 नवंबर तक चलेगी जिसके बाद शनि देव कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे. वहीं, शनि देव की दृष्टि को बुरा भी माना जाता है. ऐसे में भक्त मान्यतानुसार कुछ बातों को ध्यान में रख सकते हैं और उपाय अपना सकते हैं.
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शनि की दृष्टि से बचे रहना- शनि देव की कृपा पाने के लिए भक्त शनिवार (Saturday) के दिन शनि मंदिर जाकर पूजा कर सकते हैं. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है. कहते हैं इस दिन पूजा-पाठ करने पर शनि देव प्रसन्न होते हैं.
- जातक को सलाह दी जाती है कि शनिवार के दिन वह सरसों के तेल का दीया शनि देव के समक्ष जलाएं.
- माना जाता है कि घर में आए अतिथियों का अपमान नहीं करना चाहिए. अतिथियों का अपमान करने पर शनि देव रुष्ट हो सकते हैं.
- शनि देव की कठोर दृष्टि से बचे रहने के लिए सूर्य देव (Surya Dev) का पूजन किया जा सकता है. सूर्य देव की पूजा से उनके पुत्र शनि देव की दृष्टि जातक पर नम्र हो जाती है.
- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य उच्च स्थान पर होता है उनपर शनिदेव की दृष्टि के नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ते हैं.
- माना जाता है कि शनि देव की दृष्टि से बचने के लिए श्री कृष्ण के मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' का जाप करना शुभ होता है. इस मंत्र के उच्चारण से जातक शनि देव की वक्र दृष्टि से बच सकते हैं.
- शनि देव की दृष्टि से बचे रहने के लिए गायत्री मंत्र का पाठ कर सकते हैं.
- सूर्य को रोजाना जल चढ़ाना या अर्घ्य देना अच्छा माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
दीपिका पादुकोण, कियारा आडवाणी और अन्य सेलेब्स एयरपोर्ट पर हुए स्पॉट