Shani Mahadasha: शनि की महादशा कब तक रहती है, जानें नुकसान और खास उपाय

Shani Mahadasha Period: ज्योतिष शास्त्र में कुछ स्थितियों में शनि की महादशा को शुभ नहीं माना गया है. ऐसे में कुछ उपाय लाभकारी साबित होते हैं.

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Shani Mahadasha Period: शनि दोष के मुक्ति पाने के लिए ये उपाय कर सकते हैं.

Shani Mahadasha Upay: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है. मान्यता है कि इंसान के अच्छे और बुरे कर्मों का फल शनिदेव (Shani Dev) की देते हैं. ऐसे में जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उन पर शनि देव की कृपा रहती है. वहीं जो लोग बुरे कर्म करते हैं, उन्हें शनि देव दंड देते हैं. कहा जाता है कि शनि के नकारात्मक प्रभाव (Shani Negative Impact) से व्यक्ति किसी काम में सफल नहीं हो पाता है. उसे कदम-कदम पर असफलता ही मिलती है. इसके विपरीत जब शनि देव किसी पर अपनी शुभ और सकारात्मक दृष्टि रखते हैं तो हर काम में सफलता मिलती है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के गणना के मुताबिक शनि की महादशा (Shani Mahadasha) 19 वर्षों तक चलती है. इस दौरान अगर जातक पर शनि की क्रूर दृष्टि पड़ती है तो काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है. 

शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या

शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुरूप फल देते हैं. ऐसे में जो अच्छा कर्म करता है वह शनि की कृपा का पात्र होता है. वहीं जो लोग बुरे कर्मों में अपनी जीवन व्यतीत करते हैं, उसे शनि की क्रूर दृष्टि का भी सामना करना पड़ता है. कुंडली में शुभ योग होने के बावजूद भी अगर जातक का कर्म सही नहीं है तो उसे खूब हानि होती है. इसके अलावा अगर कुंडली में शनि नीच राशि में हो या सूर्य के साथ हो तो जीवन में अनेक आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 


 

शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को प्रसन्न करने के खास उपाय भी बताए गए है. माना जाता है कि इन उपायों को विधिवत करने के शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है. ऐसे में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए किसी शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना उत्तम होता है. दीपक जलाने के बाद पीपल के पेड़ की परिक्रमा की जाती है. इस दौरान 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' इस मंत्र का 108 बार जाप करें. इतना करने के बाद किसी जरुरतमंद को सिक्कों का दान करें.

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व्यापार में नुकसान से बचने के लिए क्या करें


अगर शनि दोष के कारण व्यापार में आर्थिक नुकसान हो रहा है तो ऐसे में शनिवार को सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें. साथ ही साथ उसी शाम पेड़ के नीचे एक मुखी दीपक लोहे की कटोरी में जलाएं और वहीं पर खड़े होकर शनि चालीसा का पाठ करें. इसके बाद शनि देव से अपनी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें. मान्यता है कि ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.

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शनि महामंत्र | Shani Maha Mantra

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

ऊँ त्रयम्बकंयजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम

उर्वारुकमिवबन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात

ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः

ऊँ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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