Shani Dev Puja: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस शनिवार बन रहे हैं ये खास संयोग, जानें कैसे की जाती है पूजा

Shani Dev Puja: शनि देव हर इंसान को उसके अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं. पंचांग के मुताबिक इस शनिवार शनि देव को प्रसन्न करने के लिए खास संयोग बन रहा है.

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Shani Dev Puja: शनिवार के दिन शनि देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

Shani Dev Puja: शनि देव को न्याय का देवता माना गया है. मान्यता है कि शनि देव (Shai Dev) हर इंसान को उसके अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं. पैराणिक मान्यता है कि शनि देव (Shai Dev) की दृष्टि से भगवान शिव (Lord Shiv) भी नहीं बच पाए थे. शनि की साढ़ेसाती (Shani Sadhesati), ढैय्या (Dhaiya) और महादशा अत्यधिक कष्टकारक माना जाता है. शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिवार (Shaniwar) के दिन उनकी पूजा की जाती है. आने वाले शनिवार को शनि देव की पूजा (Shani Dev Puja) के लिए विशेष संयोग बन रहा है.


14 मई, शनिवार को बन रहे हैं ये संयोग

हिंदी पंचांग के मुताबिक 14 मई को वैशाख मास की त्रयोदशी तिथि है. साथ ही शनिवार और चित्रा नक्षत्र का खास संयोग बन रहा है. इसके साथ ही इस दिन सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेंगे. इसके बाद तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे. तुला राशि में पहले से केतु विराजमान हैं. 

बन रहा है सिद्धि योग

पंचांग के मुताबिक इस शनिवार के दिन सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. माना जाता है कि सिद्धि योग में कोई भी काम करने से सफलता मिलती है. ऐसे में इस दिन शनि देव की पूजा भी फलदायी मानी जा रही है. 

शनिवार के दिन कैसे की जाती है शनि देव की पूजा?

-शनिवार के दिन शनि देव की पूजा के लिए सबसे पहले स्नान किया किया जाता है. इसके बाद किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव को तेल अर्पित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. शनि देव को नीले फूल चढ़ाए जाते हैं. शनि देव की पूजा के दौरान सीधे शनि देव की मूर्ति का दर्शन नहीं किया जाता है.

-शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाकर सात बार परिक्रमा की जाती है. निर्धन व्यक्ति को भोजन कराया जाता है. शाम के समय पीपल के नीचे दीया जलाया जाता है. 

-शनिवार के दिन नित्यकर्म से निवृत होकर तेल का दान किया जाता है. इसके लिए एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देख लिया जाता है और उसे किसी जरुरतमंद व्यक्ति को दान स्वरूप दे दिया जाता है.

-शनिवार के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाया जाता है. हनुमान मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति के सामने शुद्ध आसन पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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