Shani Amavasya 2022: शनि अमावस्या पर ऐसे करें पूजा, जानें कैसे करें शनि देव को प्रसन्न

Shani Amavasya 2022: शनि अमावस्या, भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को पड़ रही है. इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं कि शनि अमावस्या के दिन पूजा कैसे करें.

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Shani Amavasya 2022: शनि अमावस्या की पूजा विधि.

Shani Amavasya 2022 Puja Vidhi: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. यह महीने में एक बार पड़ती है. शनिवार को पड़ने की वजह से इसे शनि अमावस्या (Shani Amavasya) या शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2022) के दिन शनि देव (Shani Dev) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि दोष के पीड़ित लोगों के लिए शनि अमावस्या का दिन (Shani Amavasya Date 2022) अत्यंत खास होता है. माना जाता है कि इस दिन कुछ उपायों के द्वारा शनि के प्रकोप को कम किया जा सकता है. 27 अगस्त, शनिवार को शनि अमावस्या पड़ रही है. इस दिन भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भाद्रपद मास की शनि अमावस्या (Bhadrapada Shani Amavasya 2022) के दिन शिव और पद्म नामक 2 शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में इस दिन शनि देव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा. आइए जानते हैं शनि अमावस्या की पूजा विधि.

शनि अमावस्या 2022 पूजा विधि | Shani Amavasya 2022 Puja Vidhi

शास्त्रों की मान्यता के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है. अगर नदी में स्नान ना कर पाएं तो नहाने के पानी नें गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. स्नान के बाद सबसे पहले पूर्वजों के निमित्त जल अर्पित करें. फिर सूर्य देव को जल दें. इसके बाद घर के पूजा मंदिर में दील जलाएं. अगर संभव हो सके को व्रत रख सकते हैं. शनि अमावस्या के दिन शनि देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में इस दिन शनि मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करें. इसके बाद शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें. इस दिन दान करना भी शुभ माना गया है. ऐसे में इस दिन काली वस्तुओं का दान जरूर करें. इसके साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण करें. साथ ही शाम के समय शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करने के साथ दीपक जलाएं. इससे लाभ मिलेगा.

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शनि अमावस्या पर ऐसे करें शनि देव की पूजा | Shanishchari Amavasya 2022 Shani Dev Puja Vidhi

शनि अमावस्या की सुबह स्नान आदि करने के बाद घर के बाहर किसी साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. सबसे पहले सरसों के तेल का दीपक लगाएं. शनिदेव को नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल अर्पित करें. काली तुलसी की माला से ओम् शं शनैश्चराय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. पूजा के अंत में 1 चौमुखी (4 बत्ती वाला) दीपक जलाएं और शनिदेव की आरती करें. मान्यता है कि ऐसा करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. 

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शनि अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त | Shani Amavasya 2022 Date and Shubh Muhurat 

  • अमावस्या तिथि शुरू- 26 अगस्त, शुक्रवार की दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से
  • अमावस्या तिथि की समाप्ति- 27 अगस्त, शनिवार की दोपहर 01 बजकर 47 मिनट पर
  • उदया तिथि के अनुसार शनि अमावस्या 27 अगस्त को मनाई जाएगी

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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