सावन सोमवार और कामिका एकादशी का बना सुखद संयोग, जानें आज शिव संग भगवान​ विष्णु की कैसे करें पूजा

Sawan 2025: भगवान विष्णु और शिव ऐसे देवता हैं जो सिर्फ एक पत्ते को चढ़ाने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं. पवित्र सावन के महीने में आज एक ही दिन दोनों देवताओं की पूजा करके कैसे पाएं उनका आशीर्वाद, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Lord Shiva and Lord Vishnu Puja tips: आज सावन सोमवार के दिन कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव और जगत के पालनहार माने जाने वाले श्री हरि की साधना-आराधना का अद्भुत संयोग बना है. आज जहां भोले के भक्त देवों के देव महादेव की कृपा पाने के लिए सावन सोमवार की विशेष पूजा एवं व्रत करेंगे तो वहीं वैष्णव परंपरा से जुड़े आस्थावान लोग भगवान विष्णु के लिए किया जाने वाला कामिका एकादशी का व्रत रखेंगे. हिंदू मान्यता के अनुसार यदि किसी देवता के लिए समर्पित तिथि, दिन अथवा तीज-त्योहार पर उनकी विधि-विधान से पूजा की जाए तो उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-सौभाग्य बना रहता है. आइए जानते हैं कि आज किन उपायों से आप हरिहर की कृपा पा सकते हैं. 

व्रत से पूरी होगी मनोकामना

सनातन परंपरा में किसी भी देवी-देवता अथवा ग्रह विशेष की शुभता और आशीर्वाद पाने के लिए व्रत और उपवास को उत्तम उपाय माना गया है. ऐसे में यदि आप भगवान श्री विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं जान लें कि कामिका एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. इस व्रत को करने पर साधक को भूमि दान के बराबर पुण्यफल प्राप्त होता है. इसी प्रकार औघड़दानी शिव की कृपा पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत अत्यंत ही शुभ माना गया है. इस व्रत को 16 सोमवार तक किया जाता है. हालांकि आप चाहें तो इसके बाद भी इसे जारी रख सकते हैं. 

किस रंग के चढ़ाएं पुष्प 

आज सावन सोमवार के दिन भगवान शिव और उनके मस्तक पर शोभायमान चंद्र देवता की कृपा पाने के लिए पूजा में सफेद रंग के पुष्प जैसे आक का पुषप आदि प्रयोग करें. इसी प्रकार भगवान श्री विष्णु की पूजा में पीले रंग के पुष्प और पीले रंग के फल आदि को अर्पित करें. 

पवित्र पत्ते से पूरे होंगे सारे अरमान 

सनातन परंपरा में भगवान शिव और विष्णु ऐसे देवता हैं जो सिर्फ एक पत्ते को चढ़ाने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं. भगवान शिव जहां शमीपत्र, आकपत्र, बेलपत्र, भांगपत्र आदि से प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते है. तो वहीं भगवान ​श्री विष्णु ​तुलसी दल को चढ़ाने मात्र से ही अपने भक्तों का कल्याण करते हैं. हिंदू धर्म में तुलसी को विष्णुप्रिया कहा गया है, जिनके बगैर भगवान श्री विष्णु की पूजा अधूरी मानी गई है. 

जप से कटेंगे सारे कष्ट 

अधिकांश धर्मों में अपने आराध्य के जप की परंपरा है. इसके लिए अलग-अलग मालाओं का भी प्रयोग किया जाता है. यदि बात करें महादेव के मंत्र जप की तो प्राय: साधक उनके पंचाक्षरी मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप किया करते हैं. शिव का मंत्र हमेशा रुद्राक्ष की माला से किया जाता है. इसी प्रकार यदि आप भगवान श्री विष्णु के मंत्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" या​ फिर "ॐ नमो नारायणाय" का जाप करना चाहते हैं तो आपको इसे हमेशा तुलसी अथवा चंदन की माला से करना चाहिए. 

शिव के 5 प्रिय मंत्र: जपते ही हर दु:ख हर लेते हैं भोलेनाथ, पूरे होते हैं हर अधूरे ख्वाब

पूजा के बाद जरूर करें आरती

हिंदू मान्यता के अनुसार पूजा की आरती सभी दु:खों से तारती है और इसके बगैर आपकी श्रीहरि अथवा भगवान शिव की पूजा अधूरी रह जाती है. ऐसे में आज पूजा के बाद अपने आराध्य की आरती करना बिल्कुल न भूलें. आरती हमेशा एक स्थान पर खड़े होकर करें और उसके बाद उस पर जल उतारने के बाद ही उसका आशीर्वाद ग्रहण करें.

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Minta Devi News: Voter ID में 124 साल की महिला बनी मिंता देवी Priyanka Gandhi पर क्यों भड़कीं?