Sawan Somvar Vrat 2025 : सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत ही पवित्र और शुभ होता है. 2025 में पहला सावन सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है. ये दिन खासतौर पर उपवास, पूजा-पाठ और मन की शुद्धि के लिए माने जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि सावन सोमवार (Sawan Somvar Ka Vrat Rakhne Ki Vidhi) का व्रत रखने से स्वास्थ्य, रिश्तों और आध्यात्मिक उन्नति में लाभ मिलता है. लेकिन कई बार श्रद्धालु कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो व्रत के समय नहीं की जानी चाहिए. इसमें ऐसे भक्त ज्यादा शामिल होते हैं, जो पहली बार ये व्रत रख रहे हों. आइए जानते हैं ऐसी 5 सामान्य गलतियां (Sawan Somvar Ke Vrat Me Kya Naa Karen), जिनसे बचना जरूरी है.
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1. व्रत के खाने में अशुद्ध या गलत चीजें खाना
सावन सोमवार के दिन क्या खा रहे हैं, ये बहुत मायने रखता है. कई लोग अनजाने में व्रत के खाने में ऐसी चीजें शामिल कर लेते हैं, जो वर्जित होती हैं जैसे कि नमक (कुछ परंपराओं में सेंधा नमक भी नहीं चलता), अनाज, दालें, या कोई प्रोसेस्ड फूड.
कुछ लोग प्याज, लहसुन या टेबल सॉल्ट भी इस्तेमाल कर लेते हैं, जो तामसिक माने जाते हैं. तामसिक चीजें मन को भारी, चंचल और आलसी बना देती हैं.
क्या खाएं: फल, दूध, दही, उबले आलू, शकरकंद, साबूदाना, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा, नारियल पानी आदि. खाना बनाते समय दिमाग शांत रखें, अगर हो सके तो शिव मंत्र चलाकर भोजन तैयार करें.
2. व्रत को सिर्फ डाइट या ट्रेंड समझ लेना
आजकल हेल्थ और सोशल मीडिया के जमाने में कई लोग व्रत को सिर्फ एक डिटॉक्स डाइट या ट्रेंड की तरह देखने लगे हैं. खाना तो छोड़ देते हैं लेकिन दिन भर चिड़चिड़े, व्यस्त या मोबाइल में लगे रहते हैं.
याद रखें, व्रत सिर्फ शरीर को खाली रखने का नाम नहीं है, यह मन और आत्मा को भी शांत करने का तरीका है. भगवान शिव ध्यान, मौन और त्याग के प्रतीक हैं. इसलिए व्रत के दिन कोशिश करें कि आप शांत रहें, अनावश्यक बातों से बचें और अपने मन को शिव में लगाएं.
3. पूजा का सही समय और सरलता न अपनाना
कई बार लोग व्रत के दिन पूजा का समय ध्यान नहीं रखते या जल्दबाजी में पूजा करते हैं, जबकि वेदों में मुहूर्त को बहुत महत्व दिया गया है.
सबसे अच्छा समय माना जाता है- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे). इस समय स्नान करके शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाएं, फिर मंत्र जाप करें.
अगर पूरा विधि-विधान नहीं आता, तो सिंपल पूजा करें- जल या दूध चढ़ाएं, "ॐ नमः शिवाय" 108 बार जपें, दीपक जलाएं और थोड़ी देर मौन ध्यान करें.
4. मानसिक और भावनात्मक तैयारी की कमी
व्रत रखने से पहले मन और भावना से भी तैयार होना जरूरी होता है. कई लोग व्रत तो रखते हैं. लेकिन मन में तनाव, ग़ुस्सा या उलझनें बनी रहती हैं. जिससे व्रत का असली लाभ नहीं मिल पाता.
तैयारी कब शुरू करें?
व्रत से एक रात पहले ही मन शांत रखें. झगड़ों से बचें, हल्का भोजन करें, सोशल मीडिया कम इस्तेमाल करें. चाहें तो शिव जी की कहानियां पढ़ें या मंत्र सुनें.
व्रत के दिन कोशिश करें कि विचार, बोल और व्यवहार में शांति बनी रहे. मीठा बोलें, माफ करें, धीरे-धीरे काम करें. ये छोटी बातें भी व्रत की सफलता में बड़ा रोल निभाती हैं.
5. नियम बनाकर रखें
कई बार लोग पहले सोमवार को बहुत जोश से व्रत रखते हैं, लेकिन जैसे-जैसे हफ्ते बीतते हैं, उत्साह कम हो जाता है. धीरे-धीरे लोग व्रत छोड़ने लगते हैं या हल्के में लेने लगते हैं, जो कि गलत है.
याद रखें
सावन का व्रत एक यात्रा है. हर सोमवार पहले से ज्यादा ऊर्जा और ध्यान मांगता है. बीच में छोड़ देने से इसका असर भी कम हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)