Sawan 2025 : सावन का पहला सोमवार कब है, यहां जानिए पूजा मुहूर्त और विधि

ऐसी मान्यता है कि श्रावण मास के दौरान शिव जी धरती पर निवास करते हैं. यही कारण इस श्रावण मास में की गई प्रार्थनाएं और पूजा ज्यादा फलदायी होते हैं. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
ऐसी मान्यता है कि श्रावण मास के दौरान शिव जी धरती पर निवास करते हैं.

Sawan pehla somwar kab hai 2025 : सावन का महीना भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. इस अवधि में धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है. इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस दौरान कुल 4 सावन सोमवार के व्रत रखे जाएंगे. मान्यता है यह उपवास करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जो कुंआरी लड़कियां व्रत रखती हैं उन्हें मनचाहा व्रत प्राप्त होता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल सावन का पहला सोमवार का कब रखा जाएगा और इसकी पूजा विधि और मुहूर्त क्या है....

Festival & fasts July 2025 : जुलाई महीने में पड़ेंगे ये जरूरी व्रत और त्योहार, यहां देखिए पूरी लिस्ट

सावन सोमवार 2025 - Sawan Monday 2025

ऐसी मान्यता है कि श्रावण मास के दौरान शिव जी धरती पर निवास करते हैं. यही कारण इस श्रावण मास में की गई प्रार्थनाएं और पूजा ज्यादा फलदायी होते हैं. 

Advertisement

सावन का पहला सोमवार "प्रथम श्रावणी सोमवार" 14 जुलाई को रखा जाएगा. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करती है और वे भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. 

Advertisement

सावन के पहले सोमवार के शुभ मुहूर्त - Auspicious time for the first Monday of Savan

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:16 से 5:04 तक रहेगा.
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:05 से 12:58 तक रहेगा.
अमृत काल दोपहर 12:01 से 1:39 तक रहेगा.
प्रदोष काल शाम 5:38 से 7:22 तक रहेगा.

Advertisement

सावन के पहले सोमवार की पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
  • फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करिए. 
  • घर की साफ-सफाई के बाद पूजा स्थान को साफ करें.
  • अब आप भगवान शिव का ध्यान करते हुए हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लीजिए. 
  • अब आप घर के मंदिर या पूजा स्थान में भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर रखें.
  • पूजा स्थान को फूलों से सजाएं और दीपक जलाएं.
  • फिर आप पूजा की शुरूआत करें.
  • पूजा में शिवलिंग का अभिषेक भी कर सकते हैं- इसके लिए दूध, दही, शक्कर और घी से पंचामृत तैयार करें. 
  • ‘ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करें.
  • इसके साथ ही शिव चालीसा, रुद्राष्टक, या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
NDA के जीतने की स्थिति में Nitish Kumar की ताजपोशी के पक्ष में क्या जा रहा है और क्या खिलाफ में?