Sawan Mangla Gauri Vrat 2022: सनातन धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और भगवान शिव की उपासना के लिए खास माना गया है. भगवान शिव को समर्पित सावन मास में मंगला गौरी (Mangla Gauri Vrat 2022) व्रत का भी खास महत्व है. जिस प्रकार सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम है, उसी तरह सावन का प्रत्येक मंगलवार मां पार्वती (Maa Parvati) को समर्पित है. सावन के मंगलवार (Sawan Mangalwar) के दिन मंगला गौरी व्रत रखने का विधान है. इस साल सावन का पहला मंगलवार 19 जुलाई यानी आज है. ऐसे में सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज रखा जाएगा. आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.
मंगला गौरी व्रत शुभ मुहूर्त | Mangla Gauri Vrat Shubh Muhurat
शुभ मुहूर्त में मंगला गौरी व्रत फलदायी होता है. इस बार मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2022) पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक है. मंगला गौरी व्रत की पूजा इस शुभ मुहूर्त में करना अच्छा रहेगा.
मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि | Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi
मंगला गौरी व्रत की पूजा (Mangla Gauri Vrat Puja) के लिए सुबह उठकर स्नान-ध्यान से निवृत हो जाएं. उसके बार घर में पूजा स्थान पर किसी चौकी के ऊपर लाल वस्त्र बिछाएं. उस पर मां पार्वती (Maa Parvati) और भगवान गणेश (Lord Ganesh) की मू्र्ति स्थापित करें. पहले भगवान गणेश जी का आवाह्न कर उनकी पूजा-अर्चना करें. मां पर्वती को 16 श्रृंगार के सामान, सूखे मेवे, लौंग, इलायची, सुपारी, नारियल, मिठाई इत्यादि अर्पित करें. अंत में मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करके आरती करें.
मंगला गौरी व्रत का महत्व | Mangla Gauri Vrat Importance
मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) मां पार्वती को समर्पित है. मां पार्वती का एक अन्य नाम गौरी भी है. यह नाम उनके गौर वर्ण के कारण है. मान्यता है कि सावन का मंगला गौरी व्रत रखने और मां पार्वती की विधिवत पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मंगला गौरी व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं दांपत्य जीवन में खुशाहाली के लिए व्रत रखती हैं. मान्यता यह भी है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान के जुड़ी समस्या का दूर हो जाती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)