कब है साल की आखिरी एकादशी, जानिए सफला एकादशी की पूजा विधि और महत्व

Saphala Ekadashi Date: मान्यतानुसार सफलता प्राप्त करने के लिए सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. जानिए दिसंबर के महीने में कब रखा जाएगा सफला एकादशी का व्रत.

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Saphala Ekadashi Puja Vidhi: सफला एकादशी पर पूरे मनोभाव से की जाती है भगवान विष्णु की पूजा.

Saphala Ekadashi: भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए वर्ष में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. यह व्रत हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है. इस वर्ष की अंतिम एकादशी सफला एकादशी है. माना जाता है कि इस व्रत को रखने से हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है. पूरे वर्ष रखे जाने वाले एकादशी व्रतों का अपना-अपना महत्व है. इनमें सफला एकादशी के व्रत को बहुत शुभ माना गया है. सफला एकादशी का व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. इस व्रत से लंबे समय से रुके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं. शास्त्रों में सफला एकादशी को सफलता प्रदान करने वाला व्रत बताया गया है. आइए जानते हैं कब रखा जाएगा सफला एकादशी का व्रत और कैसे की जाती है एकादशी की पूजा. 

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कब है सफला एकादशी | Saphala Ekadashi Date

पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी का व्रत (Saphala Ekadashi Vrat) रखा जाता है. इस बार की पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर, बुधवार को रात 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और  27 दिसंबर, शुक्रवार को रात 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगी.  ऐसे में सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर गुरुवार को रखा जाएगा.

सफला एकादशी का शुभ योग

26 दिसंबर गुरुवार को सफला एकादशी के दिन सुकर्मा योग का निर्माण होने वाला है. यह रात्रि 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. सफला एकादशी व्रत के दिन शाम 6 बजकर 9 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा. इसके साथ ही दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा. सफला एकादशी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 12 मिनट से सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस समय भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि-विधान से की जा सकती है.

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सफला एकादशी की पूजा विधि 

सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से प्रभु की कृपा से हर कार्य मे सफलता प्राप्त की जा सकती है. इस दिन प्रात: काल उठकर भगवान विष्णु का स्मरण कर व्रत का संकल्प करें. स्नान आदि के बाद पूजा की तैयारी करें. इसके लिए चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. भगवान को गंगा जल से स्नान करवनाकर नए वस्त्र और तिलक लगाएं. भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, फल, धूप, दीप और चंदन अर्पित करें. उन्हें दूध, दही, घी, शहद और चीनी से तैयार पंचामृत का भोग लगाएं. पंचामृत तैयार करते समय उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और सफला एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. भगवान विष्णु की आरती (Vishnu Aarti) करें और पूजा के दौरान हुई भूलों के लिए क्षमा मांग लें. लोगों को प्रसाद बांटें और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें.

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सफला एकादशी पूजा मंत्र

सफला एकादशी के व्रत की पूजा करते समय इस खास मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं. आप भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः

ॐ नमो नारायणाय

दन्ताभये चक्र दरो दधानं,

कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया

लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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