Santoshi Mata Vrat: शुक्रवार को रखा जाता है संतोषी मां का व्रत, जानें व्रत के ये नियम

Santoshi Mata Vrat: जैसे सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत रखा जाता है, और मंगलवार के दिन भगवान हनुमान का उपवास रखा जाता है. वहीं शुक्रवार को आप मां संतोषी का व्रत रख सकते हैं. आइए जानते हैं मां संतोषी के व्रत से जुड़ी कुछ अहम बातें.

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Santoshi Mata Vrat:  दिनों के हिसाब से हम भगवान को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं. हर दिन के अनुसार किसी न किसी देवी या देवता को खासतौर पर पूजा जाता है. जैसे सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत रखा जाता है, तो वहीं मंगलवार के दिन भगवान हनुमान का उपवास रखा जाता है. वहीं शुक्रवार को आप मां संतोषी का व्रत रख सकते हैं. इस दिन आप मां दुर्गा या मां लक्ष्मी का भी व्रत रख सकते हैं. अगर आप मां संतोषी का व्रत रखना चाहते हैं तो शुक्रवार का दिन ही माता को प्रसन्न करने के लिए मान्य माना जाता है. वहीं जो लोग 16 शुक्रवार तक विधि-विधान और भक्ति-भाव के साथ मां संतोषी का व्रत करते हैं मां संतोषी उनके घर में धन-धान्‍य और खुशियों की बरसात करती हैं. 


शुक्रवार के व्रत के लाभ

जो लोग शुक्रवार का व्रत रखते हैं माता संतोषी उनकी सारी समस्‍याएं हर लेती हैं. कहा जाता है कि माता संतोषी की पूजा करने से जीवन में संतोष, सुख-शांति बनी रहती है. माता संतोषी की पूजा करने से धन और विवाह संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं.

शुक्रवार के व्रत में इन बातों का रखें ध्यान

  • अगर आप माता संतोषी का व्रत रखने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको कुछ नियमों का पालन ज़रूर करना चाहिए. 

  • विधि-विधान के साथ मां संतोषी का व्रत रखना, तथा उनकी पूजा-अर्चना करना.

  • व्रत पूरा होने पर सही तरीके से उद्यापन करना. वरना व्रत का पूरा फल नहीं मिलता.

  • संतोषी माता के व्रत में कभी भी ना तो खट्टी चीजें खाएं और ना ही शुक्रवार के दिन घर में लाएं.

  • व्रत करने वाले व्यक्ति को पूजा के बाद गुड़ और चने का बना प्रसाद ज़रूर खाना चाहिए, तथा परिवार में भी इस प्रसाद को बांटना चाहिए.


ऐसी होगी व्रत की पूजा विधि

  • शुक्रवार को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें, तथा लाल वस्त्र पहनें.

  • पूजा गृह में माता संतोषी की चित्र और कलश स्थापित करें.

  • पूजा के दौरान संतोषी मां की आरती करें, और दीप जलाएं.

  • पूजा में गुड़, चना, कमल का फूल, फल, दूर्वा, अक्षत, नारियल फल माता को अर्पित करें. 

  • मां को लाल चुनरी चढ़ाएं.

  • शाम के समय एक बार फिर से आरती करने के बाद ही व्रत का पारण करें और भोजन ग्रहण करें.

  • इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं.
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