Sankashti Chaturthi 2021: आज है संकष्टी चतुर्थी, पहले ही जान लें पूजा का मुहूर्त व महत्व

Vakratunda Sankashti Chaturthi 2021: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है. इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी 23 नवंबर (मंगलवार) यानि आज पड़ रही है. इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है.

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Sankashti Chaturthi 2021: आज है वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त व महत्व
नई दिल्ली:

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. बता दें कि चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान श्री गणेश हैं. हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं. पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. हर महीने संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है. इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी 23 नवंबर (मंगलवार) यानि आज पड़ रही है. आज के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है.

संकष्टी चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त

  • मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी आरंभ- 22 नवंबर 2021 (सोमवार) रात 10 बजकर 26 मिनट से.
  • मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी समापन- 24 नवंबर 2021 (बुधवार) रात 12 बजकर 55 मिनट तक.
  • चंद्रोदय का समय- 23 नवंबर (मंगलवार) रात 8 बजकर 27 मिनट पर.

इन मंत्रों का करें उच्चारण

शिव पुराण के मुताबिक, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन सुबह गणपति का पूजन करें. साथ ही रात को चन्द्रमा में भगवान की भावना करके अर्घ्य दें और इन मंत्रों का उच्चारण करें.

  • ॐ गं गणपते नमः
  • ॐ सोमाय नमः
  • ॐ सुमुखाय नम:
  • ॐ दुर्मुखाय नम:
  • ॐ मोदाय नम:
  • ॐ प्रमोदाय नम:

संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व

भगवान श्री गणेश अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देते है, यही वजह है कि उन्हें विघ्नहर्ता या विघ्न विनाशक के नाम से जाना जाता है. भगवान श्री गणेश प्रथम पूज्य हैं, उनकी पूजा से सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं. उनके पूजन के लिए चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व माना गया है. संकष्टी का संस्कृत अर्थ संकट हारा या बाधाओं और प्रतिकूल समय से मुक्ति है. भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस दिन भगवान शिव जी ने अपने पुत्र गणेश को सभी देवताओं में श्रेष्ठ घोषित किया था.

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भगवान गणेश की पूजा किसी भी अनुष्ठान की शुरुआत, या एक नए उद्यम की शुरुआत से पहले की जाती है. उन्हें ज्ञान के देवता के रूप में भी पूजा जाता है और लोकप्रिय रूप से विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है. माना जाता है कि गौरी गणेश के पूजन से जीवन में सकारात्मकता आती है. साथ ही गणपति महाराज अपने भक्तों की विपदाओं को भी पल भर में दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं.

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