Roop Chaudas 2025: आज है रूप चौदस, जानें अभ्यंग स्नान का महाउपाय जिसे करने से मिलता है सुंदरता का वरदान

Roop Chaudas 2025 Kab Hai: आज कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को छोटी दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है. इसे रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है. आज सौंदर्य और सौभाग्य को बढ़ाने वाला अभ्यंग स्नान कब किया जाएगा? क्या है रूप चौदस का धार्मिक महत्व, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. 

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Roop Chaudas 2025: रूप चौदस का शुभ मुहूर्त और उपााय
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Roop Chaudas 2025 Date And Time: सनातन परंपरा में कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को रूप चतुर्दर्शी या फिर कहें रूप चौदस के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार इस साल यह पावन पर्व 19 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. धनतेरस के दूसरे दिन मनाये जाने वाले रूप चौदस पर्व पर स्नान और दीपदान दोनों का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन अभ्यंग स्नान किया जाता है. रूप चौदस पर कब होगा अभ्यंग स्नान और क्या है इसका धार्मिक महत्व? आइए इसे विस्तार से जानते हैं.

रूप चौदस (अभ्यंग स्नान) का शुभ मुहर्त 

पंचांग के अनुसार रूप चतुर्दशी का पावन पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह पावन तिथि 19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 01:51 बजे प्रारंभ होकर 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:44 बजे तक रहेगी. चूंकि रूप चौदस पर किया जाने वाला अभ्यंग स्नान हमेशा चंद्रोदय के समय और सूर्योदय से पहले चतुर्थी तिथि के समय किया जाता है, इसलिए इसका शुभ मुहूर्त इस साल 20 अक्टूबर 2025 को प्रात:काल 05:13 से लेकर 06:25 बजे तक रहेगा. 

रूप चतुर्दशी के उपाय 

हिंदू मान्यता के अनुसार रूप चौदस का पर्व तन और मन दोनों की सुंदरता को बढ़ाने का पर्व है. इस दिन सुंदरता का वरदान पाने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर बेसन, हल्दी, चंदन और दूध से बने उबटन को लगाना चाहिए. इस दिन तिल के तेल से मालिश करने के बाद 'ॐ रूपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि' मंत्र का जप करते हुए पवित्र जल से स्नान करना चाहिए. तन की सुंदरता का उपाय करने के बाद शाम के समय सुख-सौभाग्य की कामना लिए दीपदान करना चाहिए. 

अभ्यंग स्नान का महत्व 

हिंदू मान्यता के अनुसार रूप चौदस पर किया जाने वाला अभ्यंग स्नान हमारे तन और मन दोनों को स्वस्थ और सुंदर बनाता है. आयुर्वेद में अभ्यंग स्नान का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. अभ्यंग स्नान हमेशा ब्रह्म मुहूर्त यानि सूर्योदय से पहले किया जाता है. मान्यता है कि अभ्यंग स्नान से व्यक्ति के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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