Shiva Linga Abhishek: महादेव को देवो के देव माना जाता है. उन्हें सृष्टि का रचयिता और कर्ता भी कहते हैं. शिवलिंग के बारे में तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंगा के दोनों हिस्सों को सृष्टि का निर्माण केंद्र भी कहते हैं. इसलिए भगवान शिव की सही तरह से आराधना किए जाने पर ये माना जाता है कि घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और भाग्य खुल जाता है. शिवभक्त हर सोमवार और भगवान शिव (Lord Shiva) से जुड़े खास दिनों पर लिंग अभिषेक करते हैं जैसे महा शिवरात्री (Maha Shivratri), प्रदोष व्रत, श्रावन मास और मासिक शिवरात्री आदि.
शिवलिंग के अभिषेक की सही विधि | Right Way to Shiva Linga Abhishek
कथाओं के अनुसार शिव लिंग के अभिषेक की शुरुआत कुछ इस प्रकार हुई. हिंदू पौराणिक कथाओं (Hindu Mythological Stories) के अनुसार, शिव लिंग का ऊपरी हिस्सा लिंग और निचला सपाट भाग योनि को प्रदर्शित करता है जिससे संसार का उद्भव हुआ है. इसीलिए भगवान शिव को संसार के पिता के रूप में भी देखा जाता है. योनि और लिंग के आकार का होने और संसार के उद्भव की धारणा के अलावा एक धारणा ये भी है कि एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा के बीच ये जंग छिड़ी थी कि कौन बेहतर है. इसी लड़ाई को सुलझाने के लिए भगवान शिव ने प्रकट होकर अग्नि से दोनों को दूर रखा. इसी लड़ाई के अंत में ब्रह्मा को शिवलिंग का ऊपरी हिस्सा बनना पड़ा और विष्णु को निचला. कौन-सी कथा कितनी सत्य है और कितनी नहीं ये प्रामाणिक नहीं है.
शिवलिंग के अभिषेक से जुड़ी कथा है कि जब दैत्यों के आक्रमण के पश्चात शिव जी को सभी देवताओं की रक्षा के लिए विष का पान करना पड़ा था तब उनके शरीर के ताप और ज्वाला को कम करने के लिए सभी देवताओं ने उन्हें दूध पीने के लिए कहा था. दूध पीने के बाद ही शिव शांत हो सके थे. इसी के चलते शिव को शांत व खुश रखने के लिए उनपर दूध का अभिषेक होता है.
माना जाता है कि शिव लिंग (Shiva Linga) के सही तरह से अभिषेक के लिए आपको सर्वप्रथम पानी शिवलिंग पर डालना चाहिए, साथ-साथ ओम नम: शिवाय का 108 बार जाप करते रहें. इसके बाद एक बर्तन में कच्चा दूध लेकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. एकबार फिर पानी चढ़ाएं, फिर दही और फिर से पानी चढ़ाएं. इसके बाद घी, पानी और फिर शहद और पानी चढ़ाएं. इसके पश्चात शिव लिंग को साफ कपड़े से साफ करके उसपर चंदन, अक्षत, बेल पत्र, फल और नारियल अर्पित करें आखिर में आरती करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)