कहने को तो नारियल यानी कि महज एक फल है, लेकिन नारियल का धार्मिक महत्व इसे और भी खास बना देता है. हिंदू मान्यताओं के हिसाब से नारियल अनेक धार्मिक परंपराओं का अभिन्न हिस्सा रहा है. कई प्रकार के पूजन में नारियल (Coconut) को चढ़ाने का बहुत महत्व है. वहीं, मंदिरों में नारियल फोड़ने की परंपरा भी बेहद पुरानी है. नारियल के धार्मिक महत्व को देखते हुए इस फल को श्रीफल (Shrifal) का नाम भी दिया गया है. माना जाता है कि नारियल यानी श्रीफल मनुष्य को दरिद्रता, कलह और रोगों से भी मुक्ति दिला सकता है, आइये जानते हैं कैसे.
नेगेटिव एनर्जी को कई बार नजर लगना भी कहा जाता है. माना जाता है कि नारियल नेगेटिव एनर्जी को दूर करने का अचूक उपाय है. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को बुरी नजर लगी हो उसके शरीर पर से 11 बार नारियल फेर लें. इसके बाद नारियल को जलाकर उसकी राख को पानी में बहा दें. माना जाता है कि ऐसा करने से नेगेटिव एनर्जी खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
'नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा'. इसमें कोई शक नहीं कि बजरंग बली को तमाम पीड़ाओं को हर लेने वाले भगवान के रूप में जाना जाता है. ऐसे में मान्यता है कि नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर रोगी पर से 7 बार फेरकर हनुमान जी के चरणों में रख दिया जाए तो रोगी के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) धन और समृद्धि की देवी हैं. आर्थिक संपन्नता के लिए गुरुवार के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का पूजन करना अच्छा माना जाता है. कहते हैं कि एक पीले रंग के वस्त्र में सफेद रंग का प्रसाद और जनेऊ रखकर इसे भगवान विष्णु को समर्पित करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और दरिद्रता दूर होकर आर्थिक प्रगति का रास्ता मिलता है.
कई लोग शनि दोष (Shani Dosh) को लेकर काफी चिंतिंत होते हैं. लेकिन, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नारियल की मदद से शनि के दोष को भी दूर किया जा सकता है. एक काले कपड़े में नारियल, काले तिल, लोहे की कील, उड़द की दाल बांधकर शनिवार के दिन उसे पानी में प्रवाहित करने की सलाह दी जाती. शनि दोष से मुक्ति के लिए कई लोग इसे काफी प्रभावी उपाय मानते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)