Ratna Astrology: इन तिथियों में भूल से भी ना पहनें कोई भी रत्न, नहीं तो फायदे की जगह हो सकता है भारी नुकसान

Gemology: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में हर रत्न को धारण करने के लिए खास नियम बताए गए हैं. जानिए कोई भी रत्न (Gemstone) धारण करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाता है.

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Ratna Shastra: रत्न धारण करते वक्त इन बातों का खास ख्याल रखा जाता है.

Ratna Astrology: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में ग्रहों की अनुकूलता के लिए रत्न (Gemstone) पहनने की सलाह दी जाती है. ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष शास्त्र के जानकार कुंडली लेखकर संबंधित ग्रह के रत्न (Grah Ratna) धारण करने के लिए कहते हैं. रत्न शास्त्र में प्रत्येक ग्रह के लिए अलग-अलग रत्नों के बारे में बताया गया है. जिस प्रकार बृहस्पति ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए पीला पुखराज (yellow sapphire) धारण करने के लिए कहा जाता है, उसी तरह शनि-राहु-केतु (Shani, Rahu, Ketu) समेत सभी ग्रह के लिए अलग अलग रत्न हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो कोई भी रत्न तभी शुभ प्रभाव देता है जब उसे नियमपूर्वक धारण किया जाए. ऐसे में जानते हैं कि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है. 

ग्रहों की स्थिति के अनुसार धारण किया जाता है रत्न

रत्न शास्त्र (Gemology) के अनुसार, कोई भी रत्न तभी अपना शुभ प्रभाव प्रदान करता है जब उसे सही समय और नियम के मुताबिक धारण किया जाता है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही रत्न धारण किया जाता है. अगर नियम के मुताबिक रत्न धारण नहीं किया जाता है तो उसका उल्टा असर हो सकता है. ऐसे में रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी से कुंडली दिखवाएं और फिर उसके बाद ही कोई रत्न धारण करें. रत्न धारण करते वक्त तिथि का खास ख्याय रखा जाता है. आगे जानते हैं इसके बारे में.

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रत्न धारण करते वक्त तिथियों का रखें ध्यान

रत्न शास्त्र के जानकारों के अनुसार, 4, 9 और 14 की तारीख में रत्न धारण करने से बचना चाहिए. हालांकि अगर इन तिथियों में कोई शुभ संयोग बना है तो धारण किया जा सकता है, वह भी ज्योतिष की सलाह लेकर. इसके साथ ही इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि जिस दिन रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4, 8 और 12 वें भाव में ना हो. इसके अलावा अमावस्या, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण और संक्रांति के दिन रत्न धारण करने के परहेज किया जाता है. रत्न हमेशा दोपहर से पहले शुभ मुहूर्त में सूर्य की ओर मुंह करके धारण करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कोई भी रत्न धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष उत्तम होता है. इतना ही नहीं, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले उसे अभिमंत्रित करना अच्छा रहता है. इससे रत्न का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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