Rambha Teej Pujan 2022: सौंदर्य और सौभाग्य का व्रत रंभा तीज इस बार 2 जून को है. ज्येष्ठ माह (Jyeshta maah) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाला यह व्रत जातक के जीवन में प्रेम और सौभाग्य लाता है. ऐसी मान्यता है कि यह व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष रूप से फलदायी है. इस दिन अप्सरा रंभा (Apsara Rambha) के विभिन्न नामों की पूजा करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है, तो चलिए जानते हैं रंभा तीज (Rambha Teej) के दिन कैसे पूजा अर्चना करनी चाहिए और इसका क्या है महत्व.
रंभा तीज के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़ा धारण कर लें. इसके बाद सूर्य की तरफ मुख करके बैठ जाएं और दीपक जलाएं. आपको बता दें कि इस दिन विवाहित स्त्रियां सौभाग्य और सुंदरता की प्रतीक रंभा, धन की देवी मां लक्ष्मी और सती की विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं. इस दिन कुछ जगहों पर चूड़ियों के जोड़े को रंभा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. साथ ही इस दिन रंभोत्कीलन यंत्र की भी पूजा की जाती है. अप्सरा रंभा को इस दिन चंदन, फूल आदि अर्पित किया जाता है. इसके अलावा आर रंभा तीज को हाथ में अक्षत लेकर इन मंत्रों का जाप करेंगे तो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी.
ॐ दिव्यायै नमः।
ॐ वागीश्चरायै नमः।
ॐ सौंदर्या प्रियायै नमः।
ॐ योवन प्रियायै नमः।
ॐ सौभाग्दायै नमः।
ॐ आरोग्यप्रदायै नमः।
ॐ प्राणप्रियायै नमः।
ॐ उर्जश्चलायै नमः।
ॐ देवाप्रियायै नमः।
ॐ ऐश्वर्याप्रदायै नमः।
ॐ धनदायै धनदा रम्भायै नमः।
इस दिन विधिपूर्वक पूजा पाठ करने से जीवन में खुशहाली आती है और दांपत्य जीवन भी अच्छा बना रहता है. यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन स्त्रियां रखती हैं. वहीं, कुंआरी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.