Rambha Teej Pujan 2022: इस दिन है रंभा तृतीया व्रत, जानिए क्या है पूजा विधि और महत्व

Rambha teej: इस बार रंभा तीज का व्रत 2 जून 2022 को सुहागिन और कुंआरी लड़किया रखेंगी. इस व्रत की क्या विशेषता और महत्व है जानिए इस आर्टिकल में.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
Rambha Teej: 2 जून को रंभा तीज का रखा जाएगा व्रत.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • यह व्रत करने से दांपत्य जीवन सुखी रहता है .
  • कुंआरी लड़कियां वर प्राप्ति के लिए रखती हैं उपवास.
  • रंभा तीज विशेष रूप से सुहागिनों का है त्योहार.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

Rambha Teej Pujan 2022: सौंदर्य और सौभाग्य का व्रत रंभा तीज इस बार 2 जून को है. ज्येष्ठ माह (Jyeshta maah) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाला यह व्रत जातक के जीवन में प्रेम और सौभाग्य लाता है. ऐसी मान्यता है कि यह व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष रूप से फलदायी है. इस दिन अप्सरा रंभा (Apsara Rambha) के विभिन्न नामों की पूजा करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है, तो चलिए जानते हैं रंभा तीज (Rambha Teej) के दिन कैसे पूजा अर्चना करनी चाहिए और इसका क्या है महत्व.

रंभा तीज पूजा विधि | Rambha 2022 Teej Puja Vidhi

रंभा तीज के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़ा धारण कर लें. इसके बाद सूर्य की तरफ मुख करके बैठ जाएं और दीपक जलाएं. आपको बता दें कि इस दिन विवाहित स्त्रियां सौभाग्य और सुंदरता की प्रतीक रंभा, धन की देवी मां लक्ष्मी और सती की विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं. इस दिन कुछ जगहों पर चूड़ियों के जोड़े को रंभा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. साथ ही इस दिन रंभोत्कीलन यंत्र की भी पूजा की जाती है. अप्सरा रंभा को इस दिन चंदन, फूल आदि अर्पित किया जाता है. इसके अलावा आर रंभा तीज को हाथ में अक्षत लेकर इन मंत्रों का जाप करेंगे तो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी.


ॐ दिव्यायै नमः।
ॐ वागीश्चरायै नमः।
ॐ सौंदर्या प्रियायै नमः।
ॐ योवन प्रियायै नमः।
ॐ सौभाग्दायै नमः।
ॐ आरोग्यप्रदायै नमः।
ॐ प्राणप्रियायै नमः।
ॐ उर्जश्चलायै नमः।
ॐ देवाप्रियायै नमः।
ॐ ऐश्वर्याप्रदायै नमः।
ॐ धनदायै धनदा रम्भायै नमः। 

Advertisement
रंभा तीज का क्या है महत्व | Importance of Rambha Teej

इस दिन विधिपूर्वक पूजा पाठ करने से जीवन में खुशहाली आती है और दांपत्य जीवन भी अच्छा बना रहता है. यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन स्त्रियां रखती हैं. वहीं, कुंआरी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं.

Advertisement

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है. 

कुतुब मीनार में पूजा मामले में 9 जून को फैसला सुनाएगी साकेत कोर्ट

Featured Video Of The Day
Jagannath Puri Rath Yatra Stampede: पुरी में भगदड़ मची, रथ के सामने हुआ हादसा, कई श्रद्धालु घायल
Topics mentioned in this article