Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले आज से शुरू हुआ अनुष्ठान कार्यक्रम

Ayodhya Ram Mandir Inauguration: 19 जनवरी को अग्नि पूजन, नवग्रह स्थापना और हवन होना है जबकि 20 जनवरी को सरयू के जल से गर्भगृह को धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा.

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Ram Mandir: आपको बता दें कि आज से केवल 7 दिन रह गए हैं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में.

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को राम मंदिर (Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है.इससे पहले आज से अनुष्ठान का कार्यक्रम शुरू हो रहा है. आज परिसर में पूजा का पहला दिन है. वहीं कल रामलला की मूर्ति के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी.साथ ही कल मंगल कलश में सरयु नदी के जल को लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे. वहीं, 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजन होगा और 19 जनवरी को वरुण और वास्तु पूजन से अनुष्ठान की विधिवत शुरूआत होगी. 

वहीं, 19 जनवरी को अग्नि पूजन, नवग्रह स्थापना और हवन होना है जबकि 20 जनवरी को सरयू नदी के जल से गर्भगृह को धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा. इसके अलावा 21 जनवरी को 125 कलशों से गर्भगृह का दिव्य स्नान होगा और 22 जनवरी को सुबह पूजन के बाद मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. 

आपको बता दें कि आज से केवल 7 दिन रह गए हैं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में. ऐसे में मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. श्रीराम मंदरि के गर्भ गृह में स्वर्ण जणित सभी 14 दरवाजे लगा दिए गए हैं.सागौन की लकड़ी से बने इन दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई गई है. इन दरवाजों पर दो हाथियों की अक्श उकेरे गए हैं जिसके उपरी हिस्से में महलनुमा आकृति बनी हुई है जिसमें दो सेवक हाथ जोड़े खड़े हैं. 

वहीं, राम मंदिर प्रांगण के लिए वड़ोदरा से मंगाई गई स्पेशल धूपबत्ती आज से जलाई जाएगी. जिसे राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महेंद्र नित्य गोपाल दास जलाएंगे. ये खास धूपबत्ती 3610 किलो और 108 फिट लंबी है. माना जा रहा है कि यह धूपबत्ती लगभग डेढ़ महीने तक जलती रहेगी जिसकी खूशबू 50 किलो मीटर तक फैलेगी. इस अगरबत्ती को बनाने के लिए कई तरह की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया गया है. इसे स्पेशल रथ से वड़ोदरा से आयोध्या लाया गया है. 

यही नहीं राम मंदिर में सोने का एक नगाड़ा भी रखा गया है, जिसका वजन है 500 किलो ग्राम. इसकी आवाज 1 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी. इसे गुजरात से विशेष रथ से यहां लाया गया है. इसका ढांचा लोहे औऱ तांबे से तैयार किया गया है. इस नगाड़े की खासियत है कि इसपर धूप और बारिश का कोई असर नहीं पड़ेगा.

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