Ram Mandir Dhwajarohan 2025: सनातन परंपरा से जुड़े लोगों के लिए आज का दिन अत्यंत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकि आज अयोध्या स्थित भगवान राम के भव्य मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराने जा रही है. पंचांग के अनुसार आज जिस नक्षत्र और योग आदि में रामलला के धाम पर धर्म ध्वजा फहराई जाएगी उसका क्या महत्व है? विवाह पंचमी के दिन किया जाने वाला ध्वजारोहण का संयोग कितना सुखद है, आइए इसे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में दिल्ली के श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर और जाने-माने ज्योतिषाचार्य प्रो. परमानंद भारद्वाज से विस्तार से जानते हैं.
धर्म ध्वजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार काल के 11 अवयव हैं. इसमें पांच स्थूल अवयव वर्ष, अयन, मास, ऋतु और पक्ष हैं. वर्तमान में सिद्धार्थ नाम संवत्सर चल रहा है तो यह काल का पहला अवयव वर्ष हुआ. इसी प्रकार इस वक्त दक्षिणायन चल रहा है तो काल का दूसरा अवयव हुआ. काल का तीसरा अवयव ऋतु है जो कि इस समय हेमंत है. काल का चौथा अवयव यानि मास कहलाता है, जो कि मार्गशीर्ष या फिर कहें अगहन मास है.
जिसके बारे में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं गीता में कहते हैं कि मैं सभी मासों में मार्गशीर्ष मास हूं. कहने का तात्पर्य यह कि यह श्रेष्ठ मास है. काल का चौथा अवयव पक्ष है जो कि इस समय शुक्लपक्ष चल रहा है. इस तरह देखें तो इन काल के पांच अवयवों में दो चीजों का बहुत ज्यादा महत्व हुआ, जिसमें मार्गशीर्ष मास और शुक्लपक्ष की पंचमी का दिन.
कितनी शुभ है आज की तिथि
अगर हम काल के सूक्ष्म अवयव यानि पंचांग की बात करें तो इसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण शामिल हैं. इन पांचों की शुद्धि के कारण ही कोई शुभ मुहूर्त बनता है. ज्योतिष में 5, 10 और 15 को पूर्णा तिथि कहा गया है. ऐसे में आज विवाह पंचमी पर पूर्णा तिथि है.
भगवान राम और हनुमान से जुड़ा है मंगलवार
सात वार में सोम, बुध, गुरु और शुक्र को शुभ वार में गिना जाता है, जबकि मंगल, शनि और रविवार को क्रूर वार माना जाता है. वास्तु संबंधी कार्यों के लिए मंगलवार को वर्जित माना जाता है. कहने का तात्पर्य यह है कि यदि भवन निर्माण आदि का कार्य तो नहीं किया जाना चाहिए, चूंकि यहां पर सिर्फ ध्वजा फहराई जानी है, इसलिए इसका कोई दोष नहीं लगता है. विशेष तौर पर हनुमान जी का शुभ रंग यानि केसरिया ध्वज जो कि मंगलवार के दिन फहराई जा रही है, इसलिए वह शुभ रहेगी. मंगल का दिन इसलिए भी शुभ है कि भगवान राम के लिए कहा जाता है मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहुं सो दशरथ अजिर बिहारी. इसी प्रकार इसी मंगलवार के दिन हनुमान जी का जन्म भी हुआ था.
ध्वजारोहण के लिए शुभ है उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
पंचांग के अनुसार आज का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र अत्यंत ही शुभ है. इस नक्षत्र का ज्योतिष में बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि यह शुभ कर्मों से जुड़ा हुआ है. इसी प्रकार आज का योग और करण अपने आप में श्रेष्ठ है. आज का पूरा दिन अत्यंत ही शुभ है. आज का दिन भद्रा से मुक्त है. इस दृष्टि से आज का पूरा दिन अत्यंत ही शुभ है.
अभिजित मुहूर्त का महत्व
ज्योतिष में दो घटी के काल को मुहूर्त कहते हैं. अयोध्या में सूर्योदय प्रात:काल 06:32 बजे हो रहा है और सूर्यास्त 05:04 बजे हो रहा है. ऐसे में देखा जाए तो आज अयोध्या का 10 घंटे 32 मिनट का दिनमान है. इस दिनमान का आधा भाग यानि 5 घंटे 16 मिनट यदि सूर्योदय में जोड़ दिया जाए तो हम 11:48 पर पहुंचते हैं. यह मध्यान्ह का समय है. ज्योतिष के अनुसार जो हर प्रकार से जीत प्रदान करने वाला है वह अभिजित मुहूर्त होता है. यदि अभिजित के लग्न पर विचार करें तो आज मकर और कुंभ लग्न आ रहे हैं. चूंकि ध्वजा चलायमान है और आकाश में वायु से लहराती है इसलिए इसे ध्वजा के लिए चर लग्न को लिया जा सकता है.
विवाह पंचमी का शुभ दिन
ग्याहरवां जो अवयव आता है, वह लग्न है इसलिए अभिजित मुहूर्त और मकर लग्न को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह शुभ दिन और श्रेष्ठ समय है. विशेष तौर पर आज विवाह पंचमी का पुनीत अवसर है, जिसमें भगवान श्री राम और जानकी माता का विवाह संपन्न हुआ था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)













