Raksha Bandhan 2025: आज किस समय मनाया जाएगा रक्षाबंधन? जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

Raksha Bandhan Shubh Muhurat: राखी के मौके पर बहनें भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं. इस दिन राखी बांधने के शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में यहां जानिए भाई की कलाई पर आज किस समय राखी बांधी जा सकती है.

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Rakhi Bandhne Ka Shubh Muhurat: रक्षाबंधन पर किस समय भाई की कलाई पर बांधें राखी जानिए यहां.

Raksha Bandhan 2025: साल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है रक्षाबंधन. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं. भाई-बहन के प्यार के इस पर्व पर भाई बहन को रक्षा करने का वचन देता है और बहन के लिए उपहार भी लेकर आता है. हर साल सावन मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाता है. यह तिथि इस साल आज 9 अगस्त के दिन मनाई जा रही है. यहां जानिए आज भद्रा का साया (Bhadra Ka saya) होगा या नहीं होगा और किस शुभ मुहूर्त (Rakhi Shubh Muhurat) में भाई की कलाई पर बहनें राखी बांध सकती हैं.

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राखी बांधने का शुभ मुहूर्त | Rakhi Bandhne ka Shubh Muhurt

  • रक्षाबंधन पर आज राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:35 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक है. इस शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांधना अत्यधिक शुभ होगा.
  • आज अभिजीत मुहूर्त भी बन रहा है. अभिजीत मुहूर्त का समय दोपहर 12 बजे से 12:53 बजे तक रहेगा.
  • रक्षाबंधन पर प्रदोष काल में भी राखी बांधने का मुहूर्त शाम 7:19 बजे से रात 9:24 बजे तक है. इस शुभ मुहूर्त में भी भाई की कलाई पर राखी बांधी जा सकती है.
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया होगा या नहीं

भद्राकाल को अशुभ समय माना जाता है. कहते हैं कि जिस समय भद्रा लगती है उस समय किसी तरह की पूजा नहीं की जाती है और भद्राकाल की अवधि में त्योहार नहीं मनाते हैं. हर साल रक्षाबंधन पर भद्रा के समय का खास ख्याल रखा जाता है. ऐसे में इस साल भी इस बात को लेकर उलझन की स्थिति बन रही है. लेकिन, ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा. ऐसे में बिना फिक्र दिनभर में कभी भी राखी बांधी जा सकती है.

कैसे करें रक्षाबंधन की पूजा संपन्न

रक्षाबंधन पर राखी की थाली तैयार की जाती है. इस थाली में राखी, रोली, कुमकुम, अक्षत, जल का लोटा, दीया और मिठाई रखी जाती है. बहनें इन दिन व्रत भी रखती हैं. सबसे पहले बहनें भाई की आरती करती हैं, फिर माथे पर तिलक लगाया जाता है और तिलक के बाद माथे पर अक्षत लगाती हैं. अब भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधकर उसे मिठाई खिलाई जाती है. इसके बाद भाई बहन को मिठाई खिलाते हैं और उपहार देते हैं. इस तरह राखी का त्योहार पूरा होता है.

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