वृंदावन में मनाया जाएगा संत प्रेमानंद महाराज का 6 दिनों का जन्मोत्सव, देशभर से आएंगे श्रद्धालु 

Premanand Ji Maharaj: वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज का जन्मदिवस छह दिनों तक मनाया जाना है. इस दौरान प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से भक्तों के आने की संभावना है. 

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Premanand Maharaj Janmotsav: जन्मोत्सव के दौरान प्रेमानंद महाराज की दिनचर्या में भी बदलाव होगा. 

Premanand Ji Maharaj Birthday: प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में श्रीकृष्ण और राधारानी की आराधना करते हैं. महाराज के प्रवचन सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल होते हैं. ऐसे में देशभर में प्रेमानंद जी महाराज मशहूर हैं और उनके अनेक भक्त हैं जो वृंदावन (Vrindavan) महाराज का आशीर्वाद लेने आते हैं. वृंदावन में 25 से 30 मार्च तक धूमधाम से संत प्रेमानंद जी महाराज का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इस जन्मोत्सव को श्रीराधा कलिकुंज में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया जाना है. जन्मोत्सव के दौरान तरह-तरह के धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है.

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प्रेमानंद महाराज का जन्मोत्सव 

प्रेमानंद जी महाराज के जन्मोत्सव पर देशभर से श्रद्धालु आने की संभावना जताई जा रही है. यहां भक्त प्रेमानंद जी महाराज का आशीर्वाद लेने और दर्शन करने आएंगे. बताया जा रहा है कि जन्मोत्सव के दौरान प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या में भी परिवर्तन होने वाला है. इन दिनों में भक्तों को प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के दर्शन सुबह साढ़े पांच बजे से हो सकेंगे. जन्मोत्सव की जानकारी सोशल मीडिया पर भजन मार्ग अकाउंट से शेयर की गई है. वृंदावन में होने वाले इस छह दिवसीय जन्मोत्सव में कई आध्यात्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजिन किया गया है. 

कौन-कौनसे कार्यक्रम होंगे 

जन्मोत्सव के दौरान कई तरह के धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. वृंदावन में जन्मोत्सव के दौरान नाम संकीर्तन, सत्संग, प्रेमानंद महाराज के दर्शन, मंगल आरती, श्रीजी का झूला दर्शन, श्रीहित चतुरासी जी पाठ, शृंगार आरती, राधा नाम कीर्तन और संध्या वाणी पाठ आदि होंगे. 

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दर्शनार्थी कौन-कौन होंगे 

25 मार्च से 30 मार्च तक चलने वाले प्रेमानंद जी महाराज के जन्मोत्सव के पहले दिन वृंदावन, गोवर्धन, मथुरा, बृज, बरसाना, आगरा और अलीगढ़ के शिष्य दर्शन करने आ सकेंगे. 

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दूसरे दिन यूपी के शिष्य दर्शन के लिए आएंगे और तीसरे दिन दिल्ली, नोएडा, पंजाब और गुरुग्राम के शिष्य दर्शन करने पहुंचेंगे. चौथे दिन हरियाणा, केरल, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, असम, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और बिहार के शिष्य परिकर करेंगे दर्शन, 

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पांचवे दिन महाराष्ट्र, झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर समेत राजस्थान के शिष्य दर्शन कर सकेंगे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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