Pradosh vrat katha: शुक्र प्रदोष व्रत से जुड़ी तीन मित्रों की पौराणिक व्रत कथा, जानिए यहां

आज प्रदोष व्रत के दिन हम आपको तीन मित्रों से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपको शुक्र प्रदोष व्रत का क्यों है इतना महत्व समझ आएगा..

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 Shukra Pradosh Vrat : 09 मई दिन शुक्रवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा.

Pradosh vrat 2025 : आज मई महीने का पहला प्रदोष व्रत है. इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से देवों के देव महादेव की कृपा बनी रहती है.इस दिन जो भी सच्चे मन से पूजा और व्रत करता है उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है. आज प्रदोष व्रत के दिन हम आपको तीन मित्रों से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपको शुक्र प्रदोष व्रत का क्यों है इतना महत्व समझ आएगा..

Pradosh vrat 2025 : आज है मई महीने का पहला प्रदोष व्रत, यहां जानें शुभ मुहूर्त

शुक्र प्रदोष व्रत पौराणिक कथा - Shukra Pradosh Vrat Mythological Story

प्राचीन काल की बात है एक नगर में तीन घनिष्ठ मित्र रहते थे. जिसमें से एक राजकुमार पुत्र, दूसरा ब्राह्मण पुत्र और तीसरा सेठ का पुत्र था. इनमें से राजकुमार और ब्राह्मण पुत्र का विवाह हो चुका था, वहीं सेठ के पुत्र का गौना आना था.एक दिन तीनों मित्र आपस में स्त्रियों को लेकर चर्चा कर रहे थे.इस दौरान ब्राह्मण पुत्र ने महिलाओं की तारीफ करते हुए कहा कि बिना स्त्रियों के घर भूतों का डेरा होता है. यह बात सुनते ही सेठ पुत्र ने अपना गौना जल्दी करने का निर्णय लिया. इस बारे में सेठ के पुत्र ने अपने माता-पिता से गौना जल्दी लाने के बारे में कहा. इसके बाद माता-पिता ने अपने बेटे से कहा कि अभी बहु-बेटियों को घर से विदाकर लाना शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि शुक्र देव अस्त हैं. जब शुक्रोदय होंगे तब अपनी पत्नी की विदाई करके ले आना. 

लेकिन सेठ पुत्र नहीं माना और ससुराल पहुंच गया जहां सास-ससुर ने समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना आखिर विवश होकर उन्हें बेटी को विदा करना पड़ा. 

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जैसे ही अपनी पत्नी को विदा करके निकला उनकी बैलगाड़ी का पहिया टूट गया और बैल की टांग टूट गई, जिससे पत्नी को चोट आ गई. सेठ फिर भी लेकर आगा बढ़ा तो डाकुओं से भेंट हो गई और धन-धान्य लूटकर ले गए. सेठ का पुत्र पत्नी को लेकर रोता-पीटता घर पहुंचा. जैसे ही घर पहुंचा उसको सांप ने काट लिया, उसके पिता ने फिर वैध को घर बुलाया. देखने के बाद ने कहा कि आपका पुत्र तीन दिन में मर जाएगा. 

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जिसका पता ब्राह्मण पुत्र को चला उसने सेठ से कहा कि आप अपने लड़के को पत्नी सहित घर वापस भेज दीजिए क्योंकि वह शुक्रास्त में पत्नी को विदा करके लाया है. अगर वह वहां पहुंच जाएगा तो बच जाएगा. सेठ ने ऐसा ही किया. इसके बाद सेठ पुत्र की हालत ठीक होना शुरु हो गई. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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