मोदी 8 जून को ले सकते हैं PM पद की शपथ, जानें इस दिन क्या शुभ मुहूर्त कौन सा योग

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जून, शनिवार के दिन शपथ ले सकते हैं. ऐसे में ज्योतिष से जानिए किस तरह चुना जाता है शपथ लेने का शुभ मुहूर्त और किस मुहूर्त में शपथ लेना माना जाता है बेहद शुभ.  

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तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं प्रधानमंत्री मोदी. 

Astrology: लोकसभा चुनावों का परिणाम आ चुका है और सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 8 जून, शनिवार की शाम तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. शपथ लेने के समय को लेकर कई ज्योतिषों का कहना है कि इसका विशेष महत्व होता है. जिस समय शपथ ली जा रही है उस समय से राजनीतिक सफर कैसा होगा और सत्ता संभालते हुए किस तरह की स्थिति पैदा होगी इसका अनुमान भी लगाया जा सकता है. इसी बारे में बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित. 

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ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित कहते हैं, बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जून, 2024 को सायंकाल में प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेंगे. पीएम मोदी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि दिन शनिवार को आर्द्रा नक्षत्र में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. शनिवार (Saturday) को ही सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र से निकलकर मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जिसकी वजह से सरकार और अधिक ऊर्जा के साथ कार्य करेगी.

माना जाता है कि शपथ ग्रहण करने का दिन चतुर्थ, नवम, चतुर्दशी, अमावस्या या पूर्णिमा पर नहीं होना चाहिए. इन तिथियों को अच्छा नहीं कहा जाता है. नक्षत्रों में रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा, ज्येष्ठा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, उत्तराभाद्रपद, रेवती और अश्विनी नक्षत्र को बेहद शुभ माना जाता है. इन नक्षत्रों में शपथ लेना लाभकारी होता है. ज्योतिष के अनुसार, राजनेता अगर सोमवार, बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार के दिन शपथ लेते हैं तो उनके कार्यकाल में परेशानियां कम आती हैं. लेकिन, शपथ मंगलवाल, शनिवार या रविवार के दिन ली जाए तो संघर्ष देखने को मिल सकता है.

ज्योतिष के अनुसार, शुभ लग्न भी देखने जरूरी होते हैं. वृश्चिक, सिंह, वृषभ और कुंभ लग्नों में शपथ लेना शुभ होता है और इन लग्नों में शपथ लेने पर राजनेता को शासन करने में सहायता मिलती है. ये चार लग्न स्थिर लग्न माने जाते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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