Pitru Paksha 2024: कब से कब तक है श्राद्ध पक्ष और कब है श्राद्ध-तर्पण का शुभ मुहूर्त, जानें यहां

Shraddh Date: हर पूर्वज की अपनी-अपनी तिथि होती है जिस दिन उनका तर्पण किया जाता है. जानिए किस शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है पितरों का तर्पण.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Pitru Paksha 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है. पितृ पक्ष के 15-16 दिनों के बाद पितरों को तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान आदि किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष में पितर पृथ्वी पर आते हैं. उन्हें प्रसन्न करने के लिए तर्पण, श्राद्ध (Shraddh) किए जाते हैं. पितृदोष से पीड़ित लोग इस दौरान इससे छुटकारा पाने के उपाय भी करते हैं. इन सभी की 16 तिथियां होती हैं. हर पूर्वज की अपनी-अपनी तिथि होती है जिस दिन उनका तर्पण किया जाता है. ऐसे पितर जिनकी मृत्यु की तारीख का पता नहीं उनके लिए अमावस्या (Amavasya) की तिथि शुभ होती है. जानिए पितृपक्ष कब से कबतक है और श्राद्ध का शुभ मुहूर्त क्या है.

पितृ पक्ष में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए तुलसी से जुड़ी ये गलतियां, पितर हो सकते हैं नाराज और लग सकता है पितृदोष

श्राद्ध पक्ष कब से कब तक है

इस बार पितृपक्ष 17 सितंबर, 2024 भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू हो गया है. इस दिन श्राद्ध पूर्णिमा भी है. 2 अक्टूबर, 2024 को सर्व पितृ अमावस्या यानी आश्विन अमावस्या (Ashwin Amavasya) के दिन इसका समापन होगा.

Advertisement
श्राद्ध का मुहूर्त कब-कब है

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 17 सितंबर की सुबह 11.44 बजे

पूर्णिमा तिथि का समापन- 18 सितंबर की सुबह 8.04 बजे

कुतुप मूहूर्त- सुबह 11:51 से दोपहर 12:40 बजे

रौहिण मूहूर्त- दोपहर 12:40 से 13:29 बजे

अपराह्न काल- 13:29 से 15:56 बजे

श्राद्ध की प्रमुख तिथियां कब-कब हैं

पितृ पक्ष की शुरुआत- 17 सितंबर, 2024 

प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध- 18 सितंबर, 2024  

द्वितीया तिथि का श्राद्ध- 19 सितंबर, 2024 

तृतीया तिथि का श्राद्ध- 20 सितंबर, 2024

चतुर्थी तिथि का श्राद्ध- 21 सितंबर, 2024

पंचमी तिथि का श्राद्ध- 22 सितंबर, 2024

षष्ठी-सप्तमी तिथि का श्राद्ध- 23 सितंबर, 2024 

अष्टमी तिथि का श्राद्ध- 24 सितंबर, 2024

नवमी तिथि का श्राद्ध- 25 सितंबर, 2024

दशमी तिथि का श्राद्ध- 26 सितंबर, 2024

एकादशी का श्राद्ध- 27 सितंबर, 2024 

द्वादशी तिथि का श्राद्ध- 29 सितंबर, 2024

त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध- 30 सितंबर, 2024

चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध- 1 अक्टूबर, 2024 

पितृ पक्ष का समापन- 2 अक्टूबर 

पितर कितने प्रकार के होते हैं

शास्त्रों के मुताबिक, चंद्रमा के ऊपर लोक में पितरों का निवास होता है. पुराणों में उन्हें दो भागों में बांटा गया है, दिव्य पितर और मनुष्य पितर. दिव्य पितर मनुष्य को कर्मों के आधार पर न्याय करते हैं. अर्यमा पितरों के मुखिया हैं और न्यायाधीश यमराज हैं.

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Career Counselor ने बताया PTM में माता-पिता को पैरेंट्स से कौनसे सवाल जरूर पूछने चाहिए | NDTV India

Featured Video Of The Day
Bihar: Nawada की घटना को लेकर Jitan Ram Manjhi और Tejashwi Yadav क्यों हैं आमने-सामने?
Topics mentioned in this article