Shashthi Shradh 2022: पितृ पक्ष का षष्ठी का श्राद्ध होगा आज, जानें कैसे करें पितरों को प्रसन्न

Shashthi Shradh 2022: पितृ पक्ष का षष्ठी श्राद्ध 15 सितंबर को यानी आज किया जा रहा है. ऐसे में जानते हैं कि षष्ठी श्राद्ध की विधि क्या है.

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Shashthi Shradh 2022: पितृ पक्ष षष्ठी का श्राद्ध इस तरह किया जाता है.

Pitru Paksh Shashthi Shradh 2022: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष ही एक ऐसा अवसर होता है जब पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होती है और इसका समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है. इस बीच 15 दिनों तक पितरों को प्रसन्न करने के लिए खास उपाय भी किए जाते हैं. पितृ पक्ष का षष्ठी श्राद्ध (Shashthi Shradh) 15 सितंबर को यानी आज किया जा रहा है.आइए जानते हैं षष्ठी श्राद्ध के लिए शुभ मुहूर्त और विधि. 

पितृ पक्ष 2022 षष्ठी श्राद्ध तिथि और शुभ मुहूर्त | Pitru Paksha Shashthi Shradh Date

हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष का षष्ठी श्राद्ध 15 सितंबर को किया जाएगा. इस दिन आश्विन कृष्ण पक्ष की पंचमी और षष्ठी दोनों ही तिथियां पड़ रही हैं. पंचमी तिथि सुबह 11 बजकर 1 मिनट तक है. इसके अलावा षष्ठी तिथि सुबह 11 बजकर 1 मिनट के बाद शुरू है. ऐसे में षष्ठी का श्राद्ध 15 सितंबर, गुरुवार को किया जाएगा.

कैसे करें षष्ठी का श्राद्ध | Shashthi Shradh Vidhi

इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद जिस स्थान पर जहां पितृ तर्पण करना हो उसे गंगाजल से पवित्र करें. 

घर की महिलाएं इसके बाद स्नान करके पितरों के लिए भोजन बनाएं.

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ब्राह्मण को घर पर बुलाकर या मंदिर में पितरों की पूजा और तर्पण का कार्य विधिवत करें या करवाएं. 

पितरों के समक्ष आग में गाय का दूध, दही, घी और खीर अर्पित करें. 

पितरों के लिए बनाए गए भोजन के 4 ग्रास निकालें जिसमें एक हिस्सा गाय, दूसरा कुत्ते, तीसरा कौए और चौथा देव के लिए रखें. 

गाय, कुत्ते और कौए को खाना डालने के बाद किसी ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन करवाकर उन्हें वस्त्र और दान-दक्षिणा दें. 

अगर कोई ब्राह्मण इसके लिए उपलब्ध ना हो सकें तो ऐसी स्थिति में यह कार्य दामाद या भतीजा भी कर सकते हैं.

अगर कोई व्यक्ति किसी कारण श्राद्ध कर पाने में सक्षम न हो तो उसे पूर्ण श्रद्धा के साथ अपने सामर्थ्य अनुसार उपलब्ध अन्न, साग, फल और दक्षिणा किसी ब्राह्मण को आदर भाव से दे देनी चाहिए. इससे भी श्राद्ध करने का पूरा फल मिलता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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