Saptami Shradh 2022: पितृ पक्ष के सप्तमी श्राद्ध की ये है सही विधि, जानें तिथि

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष के सप्तमी श्राद्ध के दिन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है. इसके साथ ही इस दिन सात ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है. आइए जानते हैं सप्तमी श्राद्ध की सही विधि क्या है.

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Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में सप्तमी तिथि का श्राद्ध इस दिन किया जाएगा.

Pitru Paksha 2022 Saptami Shradh Vidhi: पितृ पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन 7 ब्रह्मणों को भोजन कराने की परंपरा है. इस बार पितृ की सप्तमी श्राद्ध (Saptami Shradh Date) 16 सितंबर, शुक्रवार को किया जाएगा. इसके साथ ही 16 वेदी नामक तीर्थ पर श्राद्ध (Shradh 2022) करने का विधान है. इस दिन यहां 6 वेदियों का पर पिंडदान किया जाता है. ये 6 वेदियां अगस्त, क्रौंच, मतंग, चंद्र, और कार्तिक हैं. धार्मिक मान्यता है कि सप्तमी तिथि को इस छह वेदियों पर पिंडदान करने से पतरों को शांति मिलती है. गीता में आत्मा की अमरता के बारे में बताया गया है. जिसके मुताबिक आत्मा का संयोग जब तक परमात्मा से नहीं होता है, तब वह विभिन्न योनियों में भटकती रहती है. इस अवस्था को अघम कहा जाता है. अघम में आत्मा को संतुष्टि सिर्फ श्राद्ध से ही मिलती है. इसलिए सप्तमी का श्राद्ध बेहद खास होता है. आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष का सप्तमी श्राद्ध (Pitru Paksha 2022 Saptami Shradh) कब है और इसकी सही विधि क्या है. 

पितृ पक्ष 2022 सप्तमी श्राद्ध | Pitru Paksha 2022 Saptami Shradh Date

हिंदू पंचांग के मुताबिक पितृ पक्ष का सप्तमी श्राद्ध (Pitru Paksha Saptami Shradh) आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को किया जाता है. सप्तमी तिथि की शुरुआत 17 सितंबर, शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से हो रही है. ऐसे में सप्तमी तिथि का श्राद्ध 17 सितंबर को दोपहर 12.20 के बाद किया जाएगा. 

सप्‍तमी श्राद्ध कैसे करें | Saptami Shradh Vidhi

पौराणिक मान्यता के अनुसार, सप्तमी श्राद्ध कि निमित्त सात ब्रह्मणों को भोजन कराया जाता है. इस दिन कुश के आसन पर बैठकर पितृ के निमित्त भगवान विष्णु के पुरुषोत्तम स्वरूप की आराधना की जाता है. साथ ही इस दिन गीता के सातवें अध्याय का पाठ किया जाता है. इसके अलावा इस दिन विशेष पितृ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.

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सप्तमी का श्राद्ध करने के लिए हाथ में कुश, जौ, काला तिल, अक्षत और जल लेकर संकल्प करें और इसके बाद इस मंत्र को पढ़ें- "ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये."

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ऐसे करें पिंडदान

पके हुए चावल में गाय का दूध, घी, गुड़ और शहद मिलाकर पिंड बना लें. इसे पितरों के शरीर का प्रतीक माना जाता है. जिसके बाद पिंड पर काला तिल, जौ, कुश, सफेद फूल मिलाकर तर्पण करें. 

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ब्राह्मण भोजन और पंचबलि कर्म

पिंडदान के बाद के बाद पंचबली कर्म और ब्राह्मण भोजन कराया जाता है. पंचबलि कर्म में गाय, कुत्ते, कौए और चीटी को भोजन दिया जाता है. इसके बाद ब्राह्मण भोज कराया जाता है.

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पितृ पक्ष में सप्तमी श्राद्ध के दिन आपके द्वार कोई कुछ मांगने आए तो उसे कभी खाली हाथ न लौटाएं. इस दिन आपके पूर्वज किसी भी रूप में आपके द्वार पर आ सकते हैं. ऐसे में इस दिन घर आए किसी भी व्यक्ति का निरादर ना करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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