आज फुलेरा दूज (Phulera Dooj) से ही होली के पर्व का आगमन माना जाता है. हर साल फुलेरा दूज फाल्गुन माघ की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. इस बार फुलेरा दूज का पर्व 04 मार्च 2022 यानि आज है. बता दें कि फुलेरा दूज का त्योहार बसंत पंचमी और होली के बीच फाल्गुन में मनाया जाता हैं. आज के दिन खासतौर से श्री राधा-कृष्ण की पूजा-आराधना की जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि यह दिन शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए बहुत शुभ है.
होली से पहले मनाया जाने वाला फुलेरा दूज आज ब्रज में काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है और इस दिन से होली के उत्सव की तैयारियां भी शुरू कर दी जाती हैं. कहते हैं कि फुलेरा दूज पूरी तरह दोषमुक्त दिन होता है. इस दिन का हर क्षण शुभ होता है, इसलिए कोई भी शुभ काम करने से पहले मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती.
Phulera Dooj 2022: फाल्गुन मास में इन शुभ योग में है फुलेरा दूज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
फुलेरा दूज का महत्व
फुलेरा दूज मुख्य रूप से बसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है, जिसे खूब धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन खासतौर से श्री राधा-कृष्ण की पूजा-आराधना की जाती है. बता दें कि फुलेरा दूज, साल का अबूझ मुहूर्त भी माना जाता है. कहते हैं कि फुलेरा दूज पर कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य बिना पंडित की सलाह के पूर्ण किया जा सकता है. इस दिन कोई भी व्यवसाय या काम शुरू करने के लिए उत्तम माना गया है.
मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर करने और प्रेम संबंधों में मधुरता लाने के लिए राधेकृष्ण का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इस दिन भक्त कान्हा पर जितना प्रेम बरसाते हैं, उतना ही प्रेम कान्हा भी अपने भक्तों पर लुटाते हैं.
फुलेरा दूज का पर्व मनाने की विधि | Phulera Dooj Puja Vidhi
- शाम को स्नान करके पूरा श्रृंगार करें. राधा-कृष्ण को सुगन्धित फूलों से सजाएं.
- राधा-कृष्ण को सुगंध और अबीर-गुलाल भी अर्पित करें.
- प्रसाद में सफेद मिठाई, पंचामृत और मिश्री अर्पित करें.
- अब 'मधुराष्टक' या 'राधा कृपा कटाक्ष' का पाठ करें.
- पूजा के समय 'राधेकृष्ण' का जाप करें.
- श्रृंगार की वस्तुओं का दान करें और प्रसाद ग्रहण करें.
प्रेम और खुशियां बिखेरने वाला दिन
फुलेरा दूज को फूलों का त्योहार भी कह जाता है, क्योंकि फाल्गुन महीने में कई तरह के सुंदर और रंगबिरंगे फूलों का आगमन होता है. इन्हीं फूलों से राधे-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है. बता दें कि फुलेरा दूज के दिन से ही लोग होली के रंगों की शुरुआत कर देते हैं.
क्या हैं फुलेरा दूज मनाने की सावधानियां
- शाम का समय ही पूजन के लिए सबसे उत्तम होता है.
- रंगीन और साफ कपड़े पहनकर आनंद से पूजा करें.
- कहते हैं कि अगर प्रेम के लिए पूजा करनी है तो गुलाबी कपड़े पहनें.
- मान्यता है कि अगर वैवाहिक जीवन के लिए पूजा करनी है तो पीले कपड़े पहनें.
- पूजा के बाद सात्विक भोजन ही ग्रहण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)