20 या 21 जनवरी कब मनाई जाएगी पौष पुत्रदा एकादशी, जानिए सही तारीख, पूजा मुहूर्त और विधि 

Paush Putrada Ekadashi: सालभर में तकरीबन 24 एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक है पौष पुत्रदा एकादशी. इस एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
Putrada Ekadashi Kab Hai: पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा इस दिन. 

Putrada Ekadashi 2024: जनवरी के महीने में पड़ने वाली दूसरी एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी होने वाली है. एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने और पूजा करने पर व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ जितना पुण्य मिलता है. कहते हैं यह व्रत रखने पर संतान सुख की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली का वरदान मिलता है. एकादशी के व्रत को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के लिए रखा जाता है. जानिए इस माह कब रखा जाएगा पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत और किस मुहूर्त में की जाएगी एकादशी की पूजा. 

Pradosh Vrat 2024: इस दिन रखा जाएगा जनवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानिए कैसे करें महादेव का पूजन

पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत | Paush Putrada Ekadashi Vrat 

जनवरी के महीने में पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. पंचांग के अनुसार, 20 जनवरी शाम 7 बजकर 26 मिनट से एकादशी की तिथि शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 21 जनवरी की शाम 7 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगा. पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत इस चलते 21 जनवरी के दिन ही रखा जाएगा. पौष पुत्रदा एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का पारण 22 जनवरी के दिन किया जाएगा. 

भगवान को चढ़ाए भोग को कितनी देर बाद खाना है सही, जानिए क्या है धार्मिक मान्यता

पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा 

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है और स्नान के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. इसके बाद श्रीहरि का ध्यान किया जाता है और व्रत का संकल्प लेते हैं. पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा के लिए भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करते हैं. अब श्रीहरि के समक्ष घी का दीपक प्रज्जवलित किया जाता है और फिर आरती करते हैं. इस दिन व्रत कथा का पाठ भी शुभ माना जाता है. पूजा (Ekadashi Puja) करके श्रीहरि को भोग लगाया जाता है और पूजा की समाप्ति होती है. हाथ जोड़कर भगवान विष्णु की कृपा मांगी जाती है. 

Advertisement
विष्णु भगवान की आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Jaipur CNG Tanker Blast: 2 दिन में 3 राज्यों में 3 बड़े हादसे | Bus Fire News
Topics mentioned in this article