सितंबर में लगने वाला है राज पंचक, क्या गणेश विसर्जन में इससे पड़ेगी बाधा? जानिए यहां

Panchak kab hai 2024 : पंचक काल में पूजा पाठ समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. जानिए सितंबर में कब लगने वाला है पंचक और क्या ये गणेश विसर्जन में बाधक बन सकता है.

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Panchak 2024 : पंचक के 5 दिनों की अवधि में लकड़ी से जुड़ा कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

Panchak in September 2024:  ज्योतिष शास्त्र में हर महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले शुभ और अशुभ समय देखा जाता है और इसका बहुत महत्व है. मान्यता है अशुभ समय में काम शुरू करने से काम में बाधा आ सकती है. अशुभ समय में में पंचक काल शामिल है. पंचक काल में पूजा पाठ समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों, शुभ चीजों की खरीददारी और नए कार्यों को शुरू करने की मनाही होती है. इस वर्ष सितंबर माह में राज पंचक (Panchak in September) लगने वाला है. यह गणेशोत्सव के दौरान लगेगा. ऐसे में आइए जानते हैं कब से कब तक रहेगा राज पंचक और गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) पर क्या प्रभाव पड़ेगा (Panchak and Ganesh Visarjan) …

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सितंबर में कब से कब तक पंचक

सितंबर माह में पंचक 16 सितंबर सुबह 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 20 सितंबर सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर होगा. सितंबर महीने में मंगलवार दिन से लगने के कारण यह राज पंचक है. चंद्रमा के शतभिषा, धनिष्ठा, रेवती, पूर्व भाद्रपद या उत्तरा भाद्रपद में से किसी एक नक्षत्र में प्रवेश करता है तब पंचक का निर्माण होता है.

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गणेश विसर्जन पर राज पंचक का प्रभाव

सितंबर में लगने वाला पंचक राज है. पंचक काल में पूजा पाठ समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है. हालांकि मान्यता है कि राज पंचक पांच प्रकार के कार्यों में सफलता प्राप्ति का साधन है. इनमें खासकर संपत्ति, सरकारी कार्य में सफलता के योग बनते हैं. सितंबर माह में 16 सितंबर सुबह 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 20 सितंबर सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर रहने वाला पंचक गणेश विसर्जन में बाधक नहीं होगा. भक्त गणेश चतुर्दशी को पूरे विधि-विधान से गणपति को विदा कर सकते हैं.

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पंचक के दौरान करें इन नियमों का पालन

  • पंचक के 5 दिनों की अवधि में लकड़ी से जुड़ा कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इस समय लकड़ी को जलाने की भी मनाही है.
  • पंचक के दौरान सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए और खानपान में पौष्टिक आहार लेने पर ध्यान देना चाहिए. पंचक के नकारात्मक प्रभाव के कारण बीमारी की चपेट में आने का खतरा बना रहता है.
  • पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा से बचना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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