Panchak 2022: शुरू हो चुके हैं 'पंचक', जानिए इन दिनों किन कामों को करने की है मनाही

हर माह में पांच दिन ऐसे आते हैं, जिनमें कोई भी मांगलिक काम करने की मनाही होती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इन पांच दिनों को पंचक कहा जाता है. बता दें कि पंचक में कुछ कामों को करने की मनाही है. आइए जानते हैं पंचक में क्या नहीं करना चाहिए.

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Panchak 2022:  'पंचक' के दिनों में वर्ज‍ित रहेंगे ये शुभ कार्य
नई दिल्ली:

साल 2022 का दूसरा पंचक लग चुका है. फरवरी माह में लगने वाला पंचक महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कहते हैं कि चंद्रमा का कुंभ या मीन राशि में भ्रमण पंचक को जन्म देता है. हर माह में पांच दिन ऐसे आते हैं, जिनमें कोई भी मांगलिक काम करने की मनाही होती है. इन पांच दिनों को पंचक कहा जाता है. चंद्रमा को घनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रप और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण काल पंचक माना जाता है.

मान्यता है कि इस काल में घर निर्माण या छत नहीं डलवाना चाहिए, अगर ऐसा करना जरूरी हो तो ऐसा करते समय मजदूरों को मिठाई खिला कर ऐसा करें. पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. बता दें कि पंचक में कुछ कामों को करने की मनाही है. आइए जानते हैं पंचक में क्या नहीं करना चाहिए.

पंचक का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में कुछ कार्यों को छोड़कर अन्य कार्य किए जा सकते हैं. कहते हैं कि जब बुधवार और गुरुवार से पंचक लगते हैं, तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं. इसी तरह पंचक जब रविवार से आरंभ होता है तो इसे रोग पंचक कहते हैं. सोमवार से प्रारंभ होने पर इसे राज पंचक कहा जाता है. ऐसे ही मंगलवार के दिन जब पंचक प्रारंभ होता है तो इसे अग्नि पंचक कहा जाता है. शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है. इस दौरान क्रोध करने से बचना चाहिए. इसके साथ ही वाणी में मधुरता लानी चाहिए. मान्यता है कि अग्नि पंचक में मंगल से जुड़ी चीजों का प्रयोग काफी सतर्कता से करना चाहिए. माना जाता है कि इस दौरान अग्नि से बचना चाहिए.

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पंचक | Panchak 2022

पंचक आरम्भ- 2 फरवरी 2022, बुधवार को प्रात: 06 बजकर 45 मिनट से,

पंचक का समापन- 6 फरवरी 2022, रविवार को शाम 05 बजकर 10 मिनट पर.

पंचक में इन कामों को करने की है मनाही

मान्यता है कि पंचक में इन कार्यों को वर्जित माना गया है, इन्हें श्लोक के माध्यम से बताया गया है.

'अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।

संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।

कहते हैं कि पंचक के दौरान अगर किसी व्यक्ति का निधन हो गया हो तो गरुण पुराण में एक उपाय दिया गया है, जिसे करने से पंचक दोष नहीं लगता है.

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गरुड़ पुराण के अनुसार, किसी योग्य पंडित को बुलाकर आटे, बेसन या कुश से बने पांच पुतलों को अर्थी पर रखकर विधि-विधान के साथ शव के साथ ही इनका भी अंतिम संस्कार करना चाहिए.

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मान्यता है कि पंचक के दौरान घास, लकड़ी आदि ईंधन इकट्ठा करके नहीं रखना चाहिए. इसमें नई लकड़ी घर में नहीं लाना चाहिए और न ही लकड़ी से जुड़े काम की शुरुआत करनी चाहिए.

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कहते हैं कि पंचक के समय घर की छत नहीं डलवाना चाहिए. ऐसा करने से दोष होता है.

वहीं, पंचक के समय में चारपाई बुनना या फिर बनवाना अपशगुन माना जाता है. कहते हैं के पंचक के दौरान पलंग, फर्नीचर आदि को नहीं खरीदना चाहिए.

मान्यता है कि पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए. कहते हैं कि यह दिशा यम की दिशा मानी गई है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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