Diwali 2024 : 81 साल पहले के पंचांग में मिला साल 2024 की दिवाली का उल्लेख, 1 नवंबर लिखी है दीपोत्सव की तारीख

हिंदी पंचांग के अनुसार दिवाली हर बार कार्तिक मास में मनती है. जब अमावस्या का दिन पड़ता है. इस बार अमावस्या की तिथि दो दिन पड़ रही है. इसलिए डेट्स को लेकर इतना कंफ्यूजन है.

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दिवाली की डेट्स को लेकर इतना कंफ्यूजन है जिसे दूर करने के लिए शताब्दी पंचांग खंगाला गया.

When Diwali Is Celebrated in 2024: दिवाली कब है इस बात को लेकर इस साल खासा कंफ्यूजन बरकरार है. दिवाली की तारीख कुछ जगहों पर 31 अक्टूबर मानी जा रही है. और, कुछ स्थानों पर 1 नवंबर को है. दो डेट्स की वजह से लोगों में कंफ्यूजन है कि वो पूजन किस दिन करेंगे, 31 अक्टूबर को या फिर 1 नवंबर को. हिंदी पंचांग के अनुसार दिवाली हर बार कार्तिक मास में मनती है. जब अमावस्या का दिन पड़ता है. इस बार अमावस्या की तिथि दो दिन पड़ रही है. इसलिए डेट्स को लेकर इतना कंफ्यूजन है जिसे दूर करने के लिए शताब्दी पंचांग खंगाला गया.

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शताब्दी पंचांग में क्या है दिवाली की डेट | Diwali Date According to Shatabdi panchang

काशी में फैसला किया गया है कि मंदिर में दिवाली का पूजन एक नवंबर को ही होगा. काशी के एक पंचांग के अलावा बाकी सभी पंचांग में दिवाली का उल्लेख 1 नवंबर का मिल रहा है. इसलिए पूजन से जुड़ा ये फैसला लिया गया है. इस मुद्दे पर अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्णदत्त शर्मा ने भी जानकारी दी. उन्होंने सौ साल पुराने पंचांग के बारे में बताया औरक हा कि इस पंचांग को वेंकटेश्वर पंचांग कहते हैं. इस पंचांग में 81 साल पहले ही लिख दिया गया था कि साल 2024 में दिवाली 1 नवंबर को ही मनाई जाएगी.

कालकाजी मंदिर में दिवाली

कालकाजी मंदिर में दिवाली पूजन 31 अक्टूबर को किया जाएगा. ये जानकारी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने दी है. असल में 31 अक्टूबर को 3 बजकर 52 मिनट तक चौदस रहेगी. इस के बाद अमावस्या शुरू होगी जो अगले दिन यानी कि एक नवंबर तक रहेगी. एक नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट तक अमावस्या रहेगी. इसलिए एक नवंबर को देर शाम दिवाली पूजन संभव नहीं होगा. आप को बता दें कि उत्तर भारत से जुड़े अधिकांश पंचांग एक नवंबर को ही दिवाली मना रहे हैं. हालांकि पूजन के समय को लेकर बहुत से अलग अलग मत भी दिखाई दे रहे हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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